- केंद्र सरकार ने नागरिकता नियम, 2016 में संशोधन को अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत तीन देशों के छह अल्पसंख्यक समूह के लिए भारत के लिए नागरिकता आवेदन में अलग कॉलम सृजित किया गया है।
- ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान। इन तीन देशों की जिन छह अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अलग कॉलम का प्रावधान किया गया है, वे हैंः हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, इसाई व जैन।
- इस नए कॉलम में आवेदक से पूछा जाएगा कि वे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, इसाई व जैन समुदाय से संबंध रखते हैं?
- उपर्युक्त परिवर्तन नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 18 में किया गया है और यह संशोधन 3 दिसंबर, 2018 को अधिसूचित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 अभी संसद में लंबित है। संसदीय समिति इस पर विचार कर रही है। इसमें वर्ष 2014 से पहले भारत में आए उपर्युक्त तीन देशों की छह अल्पसंख्यकों के मामलों पर विचार कर रही है।
- असम में उपर्युक्त संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है क्योंकि इससे मार्च 1971 के पश्चात बांग्लादेश से आए अवैध हिंदुओं को असम में नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा कि असम समझौता के खिलाफ है जिसके आधार पर असम का राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार किया गया है।