केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 फ़रवरी 2020 को पांच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा प्रदान करने की स्वीकृति दे दी।
सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला औैर रायचूर में स्थित पीपीपी माडल पर बने ऐसे पांच संस्थान अब किसी विश्वविद्यालय अथवा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान की तरह प्रौद्योगिकी स्नातक (बी.टेक) अथवा प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर (एम.टेक) अथवा पीएच.डी डिग्री के नामकरण का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे। इससे ये संस्थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में एक सशक्त अनुसंधान सुविधा विकसित करने के लिए आवश्यक पर्याप्त छात्रों को आकर्षित करने में भी सक्षम हो जाएंगे। ।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ने भारतीय सूचना तकनीक संस्थान नियमन संशोधन विधेयक 2020 (Indian Institutes of Information Technology Laws (Amendment) Bill, 2020 ) के लिए अपनी मंजूरी दी है। इस विधेयक में पीपीपी माडल पर बने इस तरह के मौजूदा 15 संस्थानों के अलावा इन पांच संस्थानों को भी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनने और डिग्री प्रदान करने की अनुमति होगी। इससे सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इन संस्थानों में शोध के लिए पर्याप्त विद्यार्थी आएंगे।
सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला तथा रायचूर के आईआईआईटी संस्थानों को औपचारिक बनाना इस मंजूरी का उद्देश्य है। ये आईआईआईटी संस्थान, संस्था पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्थाओं के रूप में काम कर रहे हैं। अब उन्हें सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप की योजना के तहत स्थापित अन्य 15 आईआईआईटी संस्थानों की तरह, आईआईआईटी (पीपीपी) अधिनियम, 2017 के तहत शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, आईआईआईटी अधिनियम, 2014 के अनुसार आईआईआईटीडीएम कूरनूल की स्थापना की गई है और यह आईआईआईटी इलाहाबाद, आईआईआईटीएम ग्वालियर, आईआईआईटीडीएम जबलपुर, आईआईआईटीडीएम कांचीपुरम नामक अन्य चार आईआईआईटी संस्थानों के साथ काम कर रहा है। इन आईआईआईटी संस्थानों में निदेशक तथा कुलसचिव के पद पहले से अस्तित्व में हैं तथा मौजूदा प्रस्ताव उन्हें बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय व्यय के केवल औपचारिक रूप प्रदान करता है।