- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 14वें वित्त आयोग की अवधि और उसके बाद स्वदेश दर्शन योजना जारी रखने को मंजूरी दे दी। स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Scheme)-थीम-आधारित पर्यटक सर्किटों का एकीकृत विकास (Integrated Development of Theme-based Tourist Circuits) देश में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- पर्यटन को आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन के प्रमुख माध्यम के रूप में स्थापित करना;
- पर्यटकों की संभावनाओं वाले सर्किटों का योजनाबद्ध और प्राथमिकता से विकास करना;
- चिन्हित क्षेत्रों में आजीविका के साधनों का सृजन करने के लिए देश के सांस्कृतिक मूल्यों और धरोहरों को प्रोत्साहन देना;
- सर्किट/गंतव्यों में विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं का सतत ढ़ंग से विकास करते हुए वहां के पर्यटन संबंधी आर्कषण को बढ़ाना;
- समुदाय आधारित विकास तथा गरीब समर्थित पर्यटन दृष्टिकोण का समर्थन करना;
- स्थानीय समुदायों के बीच आमदनी के स्रोतों में वृद्धि, जीवन के स्तर में सुधार तथा क्षेत्र के समग्र विकास के संदर्भ में पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना;
- स्थानीय समुदायों के सक्रिय योगदान के माध्यम से रोजगार सृजन;
- रोजगार के साधनों के सृजन और आर्थिक विकास की पर्यटन की क्षमताओं का उपयोग करना;
- थीम आधारित सर्किटों के विकास के माध्यम से देश के प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद क्षमताओं तथा उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं, राष्ट्रीय संस्कृति और सशक्त विशिष्टताओं के संदर्भ में लाभों का पूर्ण इस्तेमाल करना।
- स्वदेश दर्शन योजना के जरिए पर्यटन मंत्रालय देश में महत्वपूर्ण पर्यटन अवसंरचना का सतत और समावेशी ढंग से विस्तार कर रहा है ताकि भारत को विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाया जा सके। इस योजना के अंतर्गत ऐसी सार्वजनिक सुविधाओं को विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है जहां निजी क्षेत्र निवेश करने का इच्छुक नहीं है, इनमें अंतिम स्थान तक संपर्क यानि लास्ट माइल क्नेक्टीविटी, टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर्स, सड़क किनारे सुविधाएं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, रोशनी का प्रबंध, लैंडस्केपिंग, पार्किंग आदि की सुविधा शामिल है।
- वर्ष 2014-15 के बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर में पर्यटन और रोजगार सृजन के उद्योग के रूप में विकास को देखते हुए विशिष्ट थीम्स पर पांच पर्यटन सर्किटों के सृजन का प्रस्ताव किया था। ।
- जनवरी 2015 में पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना (केन्द्रीय क्षेत्र की योजना) का 5 सर्किटों निम्नलिखित के साथ शुभारंभ किया-हिमालयन सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट और तटीयसर्किट। बाद में 2015, 2016 और 2017 के दौरान, 10 और थीमेटिक सर्किट यथा डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, इको सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट, हैरीटेज सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट इस योजना में शामिल किये गये, इसके साथ ही इन थीमेटिक सर्किटों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी।
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) द्वारा इस योजना का थर्ड पार्टी मूल्यांकन किया गया। एनपीसी ने 15 जून 2017 को अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट सौंप दी। मूल्यांकन के आधार पर इस योजना में मध्यावदि संशोधन किये गये। पर्यटन सर्किटों में सड़क किनारे सुविधाओं के विकास को स्वदेश दर्शन योजना की उपयोजना बनाया गया।