- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 दिसंबर, 2018 को तमिलनाडु के मदुरई में 1,264 करोड़ रूपये की लागत से तथा तेलंगाना के बीबी नगर में 1,028 करोड़ रूपये की लागत से दो नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की स्वीकृति दे दी है।
- दोनों स्थानों पर एम्स की स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत की जाएगी।
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उपरोक्त दोनों एम्स में 2,25,000 रूपये (निर्धारित) + एनपीए (लेकिन वेतन + एनपीए 2,37,500 से अधिक नहीं) के मूल वेतन में निदेशक के एक-एक पद के सृजन को भी अपनी मंजूरी दी है।
लाभ
- प्रत्येक नये एम्स में स्नातक (एमबीबीएस) की 100 सीटें तथा बीएससी (नर्सिंग) की 60 सीटें होंगी।
- प्रत्येक में एम्स में 15-20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे।
- प्रत्येक नए एम्स लगभग 750 बिस्तर जोडेंगे।
- वर्तमान में कार्यरत एम्स के डाटा के अनुसार आशा है कि प्रत्येक नए एम्स में प्रतिदिन 1500 बाह्य रोगी तथा प्रतिमहीने 1000 अंतरंग रोगी आयेंगे।
परियोजना का विवरण
- नए एम्स की स्थापना में अस्पताल बनाना, चिकित्सा तथा नर्सिंग पाठयक्रमों के लिए शिक्षा का ब्लॉक तैयार करना, आवासीय परिसर बनाना तथा एम्स नई दिल्ली तथा पीएमएसएसवाई के चरण-। के अंतर्गत प्रारंभ किये गये 6 नए एम्स की तर्ज पर सम्बद्ध सुविधाएं / सेवाएं प्रदान करना शामिल है। उद्देश्य क्षेत्र में तृतीय स्तर की स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा,नर्सिंग शिक्षा और शोध के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में नए एम्स स्थापित करना है।
- प्रस्तावित संस्थान में 750 बिस्तर क्षमता का अस्पताल होगा जिसमें आपातकालीन/ अभिघात, बिस्तर, आयुष बिस्तर, निजी बिस्तर तथा आईसीयू स्पेशियलिटी और सुपरस्पेशियलिटी बिस्तर होंगे। इसके अतिरिक्त एक मेडिकल कॉलेज, आयुष ब्लॉक,ऑडिटोरियम, नाईट शल्टर, अतिथि गृह, छात्रावास तथा आवासीय सुविधाएं होंगी। नए एम्स की स्थापना से पूंजी परिसंपत्ति का निर्माण होगा जिसके लिए आवश्यक विशेषज्ञता सम्पन्न मानव शक्ति का सृजन 6 नए एम्स की तर्ज पर किया जाएगा। इन संस्थानों पर होने वाले खर्च अनुदान सहायता के रूप में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की पीएमएसएसवाई बजट मद से दिया जाएगा।
- तमिलनाडु और तेलंगाना में नए एम्स की स्थापना की समय सीमा 45 महीना होगी। इसमें निर्माण पूर्व चरण का 10 महीना, निर्माण चरण का 32 महीना तथा स्थायीकरण/ चालू करने का चरण 3 महीने का होगा। निर्माण लागत तथा नए एम्स चलाने का खर्च पीएमएसएसवाई के अंतर्गत केन्द्र सरकार वहन करेगी।
प्रभाव
- नए एम्स की स्थापना से क्षेत्र में न केवल स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण में परिवर्तन आयेगा बल्कि देश में स्वास्थ्य सेवा के पेशेवर लोगों की कमी भी दूर होगी। नए एम्स की स्थापना से आबादी को सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का पूल बनाने का दोहरा उद्देश्य प्राप्त होगा जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत तैयार किये जा रहे प्राथमिक और द्विवतीय स्तर के संस्थानों / सुविधाओं के लिए उपलब्ध होंगे। नए एम्स के निर्माण में पूरी तरह केन्द्र सरकार का धन लगेगा। संचालन और रख-रखाव का खर्च पूरी तरह केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
रोजगार सृजन
- इन राज्यों में नए एम्स की स्थापना से प्रत्येक एम्स में विभिन्न फैक्लटी तथा गैर फैक्लटी पदों पर लगभग 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। शॉपिंग सेंटर, कैंटीन जैसी सुविधा और सेवाओं के कारण नये एम्स के आस-पास के क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेंगे।
- विभिन्न नए एम्स के निर्माण के दौरान काफी लोगों को रोजगार मिलने की आशा है।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) केन्द्रीय योजना है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में तृतीय स्तर की स्वास्थ्य सेवा किफायदी दर पर उपलब्ध कराने में हुए असंतुलन को दूर करना और वंचित राज्यों में गुणवत्ता सम्पन्न शिक्षा के लिए सुविधाओं को मजबूत बनाना है।
- 2015-16 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने तमिलनाडु में एम्स की स्थापना की घोषणा की थी और अप्रैल 2018 में वित्त मंत्रालय ने तेलंगाना में एम्स की स्थापना कोसैद्धांतिक मंजूरी दी थी।