- रोजगार पद्धति में बदलाव तथा भारत में रोजगार के वर्तमान परिदृश्य, जो अनुबंध एवं अस्थायी कर्मचारियों के रूप में दीर्घकालिक रोजगार से निर्धारित अल्पावधि नियुक्ति में रूपांतरित हो गया है, पर विचार करते हुए ईएसआई निगम ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत कवर किये जाने वाले बीमित व्यक्तियों (आईपी) के लिए ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ नामक एक योजना को मंजूरी दी है।
- यह योजना बेरोजगारी एवं नई नौकरी की खोज की स्थिति में उनके बैंक खाते में सीधे भुगतान किये जाने वाले नकदी के रूप में देय राहत है।
- कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) निगम ने 18-सितम्बर, 2018 कोनई दिल्ली में केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवाल की अध्यक्षता में आयोजित 175वीं बैठक में घोषणा की।
- ईएसआई निगम ने कर्मचारियों को प्रति व्यक्ति दस रुपये की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जिससे कि उनके श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के ईएसआईसी डाटा बेस में आधार (यूआईडी) के जोड़े जाने को प्रोत्साहित किया जा सके। यह कदम एक ही बीमित व्यक्ति के विविध पंजीकरणों में कमी लाएगा तथा दीर्घकालिक अंशदायी स्थितियों के लिए आवश्यक लाभ उठाने में उन्हें सक्षम बनाएगा।
- ईएसआई निगम ने सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने के लिए अर्हता स्थितियों में रियायत देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जिसमें पहले के दो वर्षों के बीमा योग्य रोजगार अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया गया है और इसमें केवल 78 दिनों के अंशदान की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, बीमित व्यक्तियों के आश्रितों के लिए सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने की अर्हता में छूट देकर अब इसे एक वर्ष के बीमा योग्य रोजगार तक घटा दिया गया है, जिसमें 156 दिनों का अंशदान होगा। इस छूट से बीमित व्यक्तियों एवं उनके लाभार्थियों को संशोधित अर्हता के अनुसार नि:शुल्क सुपर स्पेशियलिटी उपचार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
- ईएसआई निगम ने बीमित व्यक्तियों की मृत्यु पर भुगतान किए जाने वाले अंत्येष्टि व्यय में बढ़ोतरी कर इसे वर्तमान 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।