- सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सस्ता बनाने की दिशा में, सरकार ने सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयों को प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana) के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचाने का लक्ष्य रखा है । इसी क्रम में जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार 7 मार्च, 2019 को पूरे भारत में जन औषधि दिवस मनाया जा रहा है। सरकार के मुताबिक देश के सभी ब्लॉकों में 2020 तक कम से कम एक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना केंद्र होगा।
- केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मंडाविया के अनुसार अधिक से अधिक डॉक्टरों द्वारा जेनेरिक दवाएं लिखे जाने और 652 जिलों में 5050 से भी अधिक जनऔषधि स्टोर खोले जाने से देश में उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ उसके बारे में जागरूकता भी बढ़ी है। जनऔषधि दवाओं से प्रतिदिन लगभग 10-15 लाख लोग लाभान्वित होते हैं और जेनेरिक दवाओं की बाजार हिस्सेदारी पिछले 3 वर्षों में तीन गुना बढ़कर 2 प्रतिशत से 7 प्रतिशत हो गई है।
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सचिन कुमार सिंह के अनुसार परियोजना के माध्यम से स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अच्छा स्रोत भी उपलब्ध हो रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार प्रतिमाह औसत बिक्री प्रति स्टोर 1.50 लाख रुपये (ओटीसी और अन्य उत्पादों सहित) तक बढ़ गई है। चार बड़े गोदामों दिल्ली, गुवाहाटी, बेंगलुरु, चेन्नई को खोला गया है, ताकि सभी पीएमबीजेपी केंद्रों पर जनऔषधि दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
- योजना के तहत पहले से लॉन्च किए गए और परियोजना केंद्रों में उपलब्ध किफायती गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इसमें अन्य चीजों के अलावा, 2.50 रूपये प्रति पीस में जनऔषधि सुविधा ऑक्सोबायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन, 140 रूपये प्रति पैक जनऔषधि स्वाभिमान (5 एडल्ट डायपर के लिए), 20 रुपये प्रति पैक जनऔषधि बचपन (5 बेबी डायपर), 20 रुपये में जनऔषधि अंकुर गर्भावस्था परीक्षण किट, 35 रूपये में जनऔषधि ऊर्जा एनर्जी ड्रिंक (300 ग्राम पैक के लिए) शामिल हैं।