एनपीपी -पूर्वोत्तर भारत का प्रथम राष्ट्रीय राजनीतिक दल

  • भारत के चुनाव आयोग ने 7 जून, 2019 को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड के. संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्याता प्रदान किया है।
  • पूर्वोत्तर भारत के किसी राजनीतिक दल को पहली बार राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान की गई है।
  • इसके साथ ही भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या आठ हो गई है।

एनपीपी के बारे में

  • एनपीपी (National People’s Party) की स्थापना मेघालय के मौजूदा मुख्यमंत्री के पिता एवं लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पूर्णो ए. संगमा ने वर्ष 2013 में की थी।
    एनपीपी को अरुणाचल प्रदेश में पांच एमएलए व मणिपुर में चार विधायक है। नगालैंड में भी इसके दो विधायक थे परंतु वर्ष 2019 के
  • आरंभ में इनका विलय नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी में हो गया था।

राष्ट्रीय राजनीतिक दल को मान्यता

  • चुनाव प्रतीक (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के तहत किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्रदान की जाएगी यदि वह निम्नलिखित शर्तों को पूरी करता हैः
    • इसके उम्मीदावार लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम 6 प्रतिशत मत हासिल करे, इसके अतिरिक्त लोकसभा में इसके कम से कम चार सदस्य हों,
    • इसके पास लोकसभा का कम से कम 2 प्रतिशत सीट हो और इसके सदस्य कम से कम तीन राज्यों से कम नहीं हो।
    • चार राज्यों में यह राज्य राजनीतिक दल के रूप में इसे मान्यता मिली हो।
  • एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल को सभी राज्यों में एक ही चुनाव चिह्न प्राप्त होता है, दिल्ली में इसे एक मुख्यालय प्राप्त होता है तथा चुनावों के दौरान सार्वजनिक प्रसारण में समय प्राप्त होता है।
  • मार्च 2019 तक भारत में राष्ट्रीय दलों की संख्या सात थीं। ये थींः आईआईटीसी, भारतीय जनता पार्टी, बीएसपी, सीपीआई (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व त्रिणमूल कांग्रेस। त्रिणमूल कांग्रेस को वर्ष 2016 में राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त हुयी थी।

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