नासा के क्यूरोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर बादलों की तस्वीर ली है, जो वहां के वातावरण के हिसाब से काफी बेहद दुर्लभ है।
- मंगल का वातावरण काफी पतला और ड्राई है। लाल ग्रह पर इस तरह के बादल वर्ष के सबसे ठंडे दिनों में उसकी भूमध्य रेखा के ऊपर दिखाई देते हैं।
- ये रेखा काल्पनिक है और इसको मंगल के अपनी धुरी पर घूमने के मुताबिक तय किया गया है। जिस वक्त ऐसा होता है उस वक्त लाल ग्रह सूर्य से काफी दूरी पर होता है।
- उल्लेखनीय है कि मंगल ग्रह का एक वर्ष धरती पर बिताए जाने वाले दो वर्ष के बराबर होता है।
- नासा ने अब क्यूरोसिटी रोवर के ऊपर इन बादलों को बनते हुए देखा है जो उम्मीद से कहीं अलग है।
- नासा इसको लेकर एक दस्तावेज तैयार कर रहा है।
- नासा के मुताबिक ये बादल काफी चमकीले थे और कुछ में अलग-अलग रंग भी दिखाई दे रहे थे।
- क्यूरोसिटी के जरिए जिन बादलों का पता लगाया है वो काफी ऊंचाई पर थे, जबकि मंगल पर दिखाई देने वाले बादल अधिकतम 60 किमी की ऊंचाई पर ही होते हैं। इनमें पानी और बर्फ होने की भी संभावना जताई गई है।