पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के स्थापना दिवस के अवसर विश्व स्तरीय नॉलेज रिसोर्स सेंटर नेटवर्क (Knowledge Resource Centre Network: KRCNet) 27 जुलाई 2020 को लांच किया गया।
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का लक्ष्य एक विश्व स्तरीय नॉलेज रिसोर्स सेंटर नेटवर्क (केआरसीनेट) विकसित करना है।
सूचना प्रौद्योगिकी में हुए उल्लेखनीय विकास को देखते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय प्रणाली की पारंपरिक पुस्तकालयों का एक शीर्ष नॉलेज रिसोर्स सेंटर (केआरसी) में उन्नयन किया जाएगा।
केआरसी को एक-दूसरे के साथ कनेक्ट किया जाएगा तथा केआरसीनेट पोर्टल के साथ समेकित किया जाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की बौद्धिक दुनिया में यह एक सिंगल प्वांईंट एंट्री होगी।
केआरसीनेट के प्रमुख उद्वेश्य
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ज्ञान संसाधनों, इसके रखरखाव, सरल पुनःप्राप्ति और प्रसार के प्रलेखन के लिए आईएसओ प्रमाणन सुनिश्चित करने के द्वारा एक कुल गुणवत्ता प्रबंधन (टीक्यूएम) प्रणाली की स्थापना करना।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय मुख्यालय तथा इसके संस्थानों में उपलब्ध बौद्धिक संसाधनों, उत्पादों तथा प्रोजेक्ट आउटपुट के संग्रह, परितुलन, विश्लेषण, सूचकांक, भंडारण तथा प्रसार करना।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सेवाओं सहित पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय मुख्यालय तथा इसके संस्थानोंमें उपलब्ध प्रिंट एवं डिजिटल संसाधनों का एक अद्यतन मेटा डाटा का विकास एवं रखरखाव।
- केआरसीनेट पोर्टल के जरिये अभिदत्त ज्ञान तत्वों तक 24 घंटे पहुंच की सुविधा।
- नीति निर्माण के लिए बिबलियोमेट्रिक्स, साईटोमेट्रिक्स, बिग डाटा एनालिटिक्स, सोशल मीडिया एनालिटिक्स, आदि जैसे सूचना विश्लेषण संबंधी टूल्स एवं तकनीकों का अनुप्रयोग, रिपोर्ट तैयार करना तथा सूचना प्रसार।
- इलेक्ट्रानिक जर्नल्स, डाटाबेस, डिजिटल उत्पाद, डाटा एनालिटिक्स आदि के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए सावधिक रूप से प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का गठन वर्ष 2006 में भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय ट्रौपिकल मीटियोरोलोजी संस्थान, पृथ्वी जोखिम मूल्यांकन केंद्र एवं समुद्र विकास मंत्रालय के विलय द्वारा किया गया था।
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