- हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका और उपन्यासकार कृष्णा सोबती का 25 जनवरी, 2019 को निधन हो गया। वे 93 वर्ष की थीं।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1924 को चिनाब नदी के किनारे स्थित छोटे से पहाड़ी कस्बे सोबत में हुआ था।
- वर्ष 1980 में उन्हें उपन्यास ‘जिंदगी नामा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से अलंकृत किया गया।
- उन्हें 1996 में अकादमी के उच्चतम सम्मान ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ से नवाजा गया।
- इसके अलावा कृष्णा सोबती को पद्मभूषण, व्यास सम्माऩ, शलाका सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।
- कृष्णा सोबती की कालजयी कृतियों में ‘सूरजमुखी अंधेरे के’, ‘दिलोदानिश, ‘ऐ लड़की’, ‘समय सरगम’, ‘मित्रो मरजानी’, ‘जैनी मेहरबान सिंह’, ‘हम हशमत’, ‘बादलों के घेरे’ और ‘डार से बिछुड़ी’ शामिल हैं।