- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 जुलाई को ‘चंद्रशेखर- द लास्ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स’ पुस्तक का विमोचन किया।
- इस पुस्तक की रचना राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश और श्री रवि दत्त बाजपेयी ने की है। पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन बालयोगी ऑडिटोरियम, संसद पुस्तकालय भवन में किया गया।
- प्रधानमंत्री ने पुस्तक की प्रथम प्रति उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू को भेंट की।
- श्री हरिवंश को इस पुस्तक की रचना करने के लिए बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने श्री चंद्रशेखर के साथ जुड़ी कुछ यादें और उनके साथ हुई अपनी बातचीत के किस्से साझा किये।
- उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि वे पहली बार 1977 में चन्द्रशेखरजी से मिले। वे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के साथ यात्रा कर रहे थे और दिल्ली एयरपोर्ट पर श्री चन्द्रशेखऱ से मिले। उन्होंने कहा कि दोनों राजनेताओं के बीच राजनीतिक विचारधारा में अंतर होने के बावजूद नजदीकी संबंध था।
- प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि श्री चन्द्रशेखरजी श्री अटल बिहारी वाजपेयी को गुरूजी कहकर संबोधित करते थे। उन्होंने चन्द्रशेखरजी के बारे में कहा कि वे एक सिद्धांत वाले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने समय की मजबूत राजनीतिक पार्टी का विरोध करने में भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई, क्योंकि वे कुछ मामलों पर उस राजनीतिक पार्टी से असहमत थे।
- लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री गुलाम नबी आजाद इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया