ओडिशा के गंजाम जिला में स्थित ऋषिकुल्या रूकरी ( Rushikulya rookery) में मार्च 2020 के तीसरे सप्ताह में हजारों ओलिव रिडले (Olive Ridley) समुद्री कछुये ‘अरिबादा’ (arribada) करते दिखाई दिये।
बड़े पैमाने पर मादा ओलिव रिडले कछुओं द्वारा रेत में अंडा देने की प्रक्रिया को अरिबादा कहा जाता है और ऋषिकुल्या रूकरी ‘मास नेस्टिंग’ (Mass nesting) के रूप में प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष लाखों कछुआ यहां रेत में अंडा देने के लिए आती हैं। प्रत्येक रेत के घोसला में 100 अंडे होते हैं। आजकल ये कछुआ अंधेरे में अंडा देने आती हैं।
ओलिव रिडले
समुद्री कछुओं की सात ज्ञात प्रजातियों में से पांच प्रजातियां भारत के प्रादेशिक जल में पायी जाती हैं।
ओलिव रिडले (Lepidochelys olivacea) इनमें से सबसे छोटी प्रजाति है जो एक विचित्र व्यवहार के लिए विश्व प्रसिद्ध है जिसे ‘अरिबादा’ (arribada) कहा जाता है जो स्पेनिश भाषा का शब्द है और इसका मतलब होता है ‘आगमन’। ये कछुये एक साथ नेस्टिंग के लिए समुद्री तट पर रेत के नीचे अंडे देने के लिए आती हैं।
ओडिशा में ऋषिकुल्या, देवी एवं गहिरमाथा तीन प्रसिद्ध ‘मास नेस्टिंग स्थल’ हैं।
आईयूसीएन की लाल सूची में यह ‘वलनेरेबल’ श्रेणी में शामिल है।
References
- The Hindu-Mass nesting of olive ridleys begins at Rushikulya.
- IUCN- Biological and Behavioural Aspects of Olive Ridley Turtles along the Orissa Coast of India .