मास्क व सैनिटाइजर आवश्यक वस्तु घोषित

कोविड-19 महामारी के आलोक में मास्क, हैंड सैनिटाइजर की कमी को देखते हुए इन्हें आवश्यक वस्तु घोषित किया गया है।

केंद्र सरकार ने 13 मार्च को 2 प्लाई व 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क तथा हैंड सैनिटाइजर्स को 30 जून, 2020 तक आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 ( Essential Commodities Act, 1955 ) में शामिल किया गया है।

लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट (Legal Metrology Act) के तहत परमार्श भी जारी किया गया है ताकि राज्य सरकारें ये सुनिश्चित कर सकें इन्हें अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक मूल्य पर नहीं बेचा जाये।

उपर्युक्त निर्णय के पश्चात राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार को इन वस्तुओं के उत्पादन, गुणवत्ता, वितरण एवं बिक्री विनियमित करने का अधिकार मिल जाएगा तथा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कदम उठाया जा सकेगा।

आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत, केंद्र सरकार की शक्तियां वर्ष 1972 से 1978 के आदेशों के माध्यम से राज्यों को पहले ही प्रत्यायोजित की जा चुकी हैं। अतः, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई कर सकते हैं।

आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत किसी उल्लंघनकर्ता को 7 वर्ष के कारावास अथवा जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है तथा चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत, उसे अधिकतम 6 माह के लिए नजरबंद किया जा सकता है।

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