खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने मरुस्थलीकरण को कम करने और आजीविका प्रदान करने के लिए एक बहुउद्देश्यीय ग्रामीण उद्योग सहायता प्रोजेक्ट बोल्ड (Project BOLD) शुरू की है।
- “सूखे भू-क्षेत्र पर बांस मरु-उद्यान” (BOLD or Bamboo Oasis on Lands in Drought: बोल्ड) नाम की अनूठी परियोजना राजस्थान के उदयपुर जिले के निकलमांडावा के आदिवासी गांव में शुरू की जाने वाली देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है।
- इसके लिए विशेष रूप से असम से लाए गए बांस की विशेष प्रजातियों- बंबुसा टुल्डा और बंबुसा पॉलीमोर्फा के 5,000 पौधों को ग्राम पंचायत की 25 बीघा (लगभग 16 एकड़) खाली शुष्क भूमि पर लगाया गया है। इस तरह केवीआईसी ने एक ही स्थान पर एक ही दिन में सर्वाधिक संख्या में बांस के पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
- परियोजना बोल्ड, जो शुष्क व अर्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में बांस-आधारित हरित पट्टी बनाने का प्रयास करती है, देश में भूमि अपरदन को कम करने व मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप है।
- खादी ग्रामोद्योग प्राधिकरण इस साल अगस्त तक गुजरात के अहमदाबाद जिले के धोलेरा गांव और लेह-लद्दाख में भी इसी तरह की परियोजना शुरू करने वाला है। 21 अगस्त से पहले कुल 15,000 बांस के पौधे लगाए जाएंगे।