सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission: NHRC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी। वहीं महेश मित्तल कुमार और डाॅ. राजीव जैन आयोग के सदस्य होंगे।
- उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश एचएल दत्तू के दिसंबर 2020 में सेवानिवृत होने के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद बीते छह माह से खाली था।
- आयोग के पूर्णकालिक अध्यक्ष और दो सदस्यों के चयन के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कार्यदल को 31 मई को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नरायण सिंह शामिल थे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन 12 अक्तूबर, 1993 को हुआ था। आयोग का अधिदेश, मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा यथासंशोधित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में निहित है।
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप है जिन्हें अक्तूबर, 1991 में पेरिस में मानव अधिकार संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए राष्ट्रीय संस्थानों पर आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में अंगीकृत किया गया था तथा 20 दिसम्बर, 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संकल्प 48/134 के रूप में समर्थित किया गया था।
- यह आयोग, मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति भारत की चिंता का प्रतीक अथवा संवाहक है।
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 12 (1)(घ) में मानव अधिकारों को संविधान द्वारा गारंटीकृत अथवा अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाओं में समाविष्ट तथा भारत में न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय व्यक्ति के अधिकारों के रूप में परिभाषित किया गया है।