- भारत एवं अमेरिका के बीच जारी प्रशुल्क विवाद के बीच भारत को अमेरिका के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विवाद में विजयी मिली है।
विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान कार्यदल ने अमेरिका के खिलाफ सौर ऊर्जा मामले में भारत के पक्ष में निर्णय दिया है। - विश्व व्यापार संगठन कार्यदल ने कहा कि अक्षय ऊर्जा स्रोत में अमेरिका की ‘घरेलू सामग्री आवश्यकता’ (Domestic Content Requirements) व उसके आठ राज्यों द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सब्सिडी वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन है।
- कार्यदल ने यह भी कहा कि अमेरिका का उपर्युक्त कदम प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता यानी ‘गैट’ के कुछ प्रावधानों के संगत नहीं हैं। गैट का लक्ष्य प्रशुल्क जैसी व्यापार बाधाओं को कम कर या समाप्त कर व्यापार को बढ़ावा देना है।
- कार्यदल ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि अक्षय ऊर्जा सेक्टर के संदर्भ में अमेरिका के दस कदम गैट नियम 1994 के संगत नहीं है।
- अक्षय ऊर्जा (सौर ऊर्जा) के क्षेत्र में अमेरिका के आठ राज्यों द्वारा दी जा रही सब्सिडी तथा अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए जा रही डोमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट के खिलाफ सितंबर 2016 में भारत विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान में चला गया था।
- अमेरिका के आठ राज्यों वाशिंगटन, कैलिफोर्निया, मोंटाना, मेसाचुसेट्स, कनेक्टिकट, मिशिगन, डेलावेयर तथा मिनिसोटा द्वारा अमेरिका निर्मित फोटोवोल्टेइक (पीवी) उपकरणों को प्रोत्साहन व सब्सिडी प्रदान की जाती रही है जिससे भारत से आयातीत उपकरण प्रतिस्पर्धी नहीं हो पाते। इसी भेदभाव के खिलाफ भारत विश्व व्यापार संगठन का रूख किया था।