‘बर्नआउट’ व वीडियो गेमिंग, रोगों के अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण में शामिल

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जेनेवा में हुयी एसेंबली में पहली बार ‘बर्नआाउट’ (Burnout) को रोगों के अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण (International Classification of Diseases: ICD) में शामिल किया है। आईसीडी को उपचार एवं स्वास्थ्य बीमाओं के बेंचमार्क के रूप में देखा जाता है।

क्या है बर्नआउट?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बर्नआउट ‘एक अवधारणात्मक सिंड्रोम है जो चिरस्थायी कार्यस्थल तनाव का परिणाम होता है जिसे सफलतापूर्वक प्रबंधित नहीं किया गया है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बर्नआउट के लक्षणों को तीन पहलुओं में रखा गया हैः
    1. ऊर्जा के कम होने या थकान की अनुभूति,
    2. अपनी नौकरी से मानसिक दूरी का बढ़ना या नकारात्मक अनुभूति या अपनी नौकरी की आलोचना,
    3. पेशागत प्रभावोत्पदकता में कमी।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन स्पष्ट करता है कि बर्नआउट को पेशागत दृष्टिकोण में ही देखने की जरूरत है, जीवन के किसी अन्य क्षेत्र में नहीं।
  • बर्नआउट के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वीडियो गेमिंग (Video Gaming) को जुआ व कोकेन जैसे ड्रग्स के साथ ‘नशा’ (addiction) की श्रेणी में शामिल किया है।
  • उल्लेखनीय है कि आईसीडी, जिसे आईसीडी-11 भी नाम दिया गया है, की सिफारिश वर्ष 2018 में की गई थी, और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 25 मई, 2019 को इसे स्वीकार किया। यह वर्ष 2022 में प्रभावी होगी।

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