- सिंगापुर ने एक कानून पारित किया है जिसमें फर्जी खबर (Fake news) के प्रकाशन को आपराधिक ठहराया गया है और सरकार को ऐसी खबरों को ब्लॉक करने या हटाने का अधिकार प्रदान किया है।
- ‘प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फाल्सहूड्स एंड मैनिपुलेशन बिल’ (The Protection from Online Falsehoods and Manipulation bil) को सिंगापुर की संसद् ने 8 मई, 2019 को पारित किया।
उपर्युक्त कानून ऐसी मिथ्या खबरों को प्रतिबंधित करता है जो सिंगापुर के प्रति पूर्वाग्रह रखती हो या चुनाव को प्रभावित करने की क्षमता रखती हो और सरकारी एजेंसियों को ऐसी खबरों को हटाने या ब्लॉक का अधिकार प्रदान करता है। इसके लिए 10 साल जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। - माना जा रहा है कि सिंगापुर सरकार का उपर्युक्त कदम किसी व्यक्ति के खिलाफ न होकर टेक्नोलॉजी कंपनियों के खिलाफ है और उन्हें निशाना बनाया गया है। इसे सिविल लिबर्टिज पर भी हमला बताया जा रहा है। हालांकि कानून मंत्री के. षणमुगम के अनुसार यह कानून वाक् स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है और न ही उसमें किसी प्रकार की कटौती हैै।
- वैसे उपर्युक्त कानून का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि यह सीमित निजी प्लेटफॉर्म को शामिल करता है। यानी व्हाट्सैप एवं टेलीग्राम पर चैटिंग भी इसके दायरे में आ जाती है। हालांकि एनक्रिप्टेड फाइल होने की वजह से सरकार यह कैसे करेगी, इसका जवाब अभी सिंगापुर सरकार ने नहीं दिया है। एनक्रिप्टेड कंपनियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और इससे पूर्व व्हाट्सैप कंपनी ने भारत सरकार को एनक्रिप्टेड मैसेज देने में अपनी असमर्थता जाहिर की थी।