- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया पर जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया से लड़ने के वैश्विक प्रयासों में स्थिरता आई है। इसकेे अंतरराष्ट्रीय वित्तीयन भी कमी आई है। इसका असर मलेरिया के नए मामलों में वृद्धि के रूप में सामने आई है।
- रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में मलेलिया के 219 मिलियन मामले सामने आए जो वर्ष 2016 के मुकाबले 2 मिलियन अधिक थे।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के अनुसार मलेरिया से लड़ने के वैश्विक प्रयासों में कमी आने से भविष्य में इसे कम करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- मलेरिया, जो मादा एनोफेलिज मच्छर के काटने से फैलती है, से 91 देश प्रभावित हैं परंतु 90 प्रतिशत मामले व मृत्यु उप-सहारा अफ्रीकी देशों में दर्ज किए गए।
- वर्ष 2017 में मलेरिया से 4,35,000 लोगों की मौत हो गई जिनमें अधिकांश पांच वर्ष से कम उम्र के अफ्रीकी बच्चे थे।
- वर्ष 2017 में मलेरिया के अधिकांश मामले बुर्किना फासो, कैमरून, डीपीआर कांगो, घाना, भारत, माली व मोजाम्बिक में दर्ज किए गए।
- मलेरिया के बारे में इस चिंताजनक संकेत से वर्ष 2020 तक मलेरिया के मामले व इससे होने वाली मौतों में 40 प्रतिशत कमी का लक्ष्य दूर होता दिखाई दे रहा है।
- हालांकि रिपोर्ट में भारत के लिए सकारात्मक संकेत है। भारत में, जो विश्व का 4 प्रतिशत मलेरिया बोझ के लिए जिम्मेदार है, वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामले में 24 प्रतिशत की कमी आई है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के नए मामलों में कमी के लिए ओडिशा की प्रशंसा की है जहां वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में 80 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया से लड़ने के लिए 19 नवंबर, 2018 को ‘देश विशेष प्रत्युत्तर’ (country-led response) कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।