- शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों की वार्षिक बैठक 13-14 जून, 2019 को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित हुयी।
- इस बैठक में भारत का प्रतिनधित्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बुराई से निपटने में सहयोग का आह्वान किया।
- सम्मेलन की समाप्ति पर बिश्केक घोषणापत्र (Bishkek Declaration) जारी की गई। इसमें सदस्य देशों ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवाद एवं उग्रवाद की काईवाई को उचित नहीं ठहराया जा सकता। सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की।
- बिश्केक घोषणापत्र में वर्ष 2018 में किंगदाओ शंघाई सहयोग संगठन बैठक में सहमत बिंदुओं पर प्रगति की भी समीक्षा की और संतोष व्यक्त किया।
- सदस्य देशों ने मध्य एशियाई परमाणु हथियार मुक्त जोन संधि पर सुरक्षा गारंटी पर प्रोटोकॉल के जितनी जल्दी संभव हो सके लागू करने का आह्वान किया।
शंघाई सहयोग संगठन के बारे में
- शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना की घोषणा 15 जून, 2001 को शंघाई में की गई थी।
- इसके पांच प्रारंभिक सदस्य थेः चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान। इसने शंघाई फाइव का स्थान लिया था। शंघाई सहयोग संगठन के चार्टर पर जून 2002 में संत पीटर्सबर्ग में हस्ताक्षर किया गया था।
- भारत एवं पाकिस्तान को जून 2016 में अस्ताना में हुयी बैठक में इसकी पूर्ण सदस्यता का दर्जा प्रदान किया गया।
- वर्तमान में इस संगठन के आठ सदस्य देश हैं। ये देश हैंः चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत एवं पाकिस्तान।
- इसका सचिवालय बीजिंग में है जबकि क्षेत्रीय आतंकवादी रोधी संरचना (आरएटीएस) ताशकंत में है।
- चीनी एवं रूसी, इसकी आधिकारिक भाषाएं हैं।