प्रधानमंत्री ने 14वें मरुस्थलीकरण रोकथाम पर कॉप-14 की उच्चस्तरीय बैठक का उद्घाटन किया

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 सितम्बर 2019 को एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 14वें मरुस्थलीकरण रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (कॉप-14) की उच्चस्तरीय बैठक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सेंट विंसेंट और ग्रेनाडिनेस के प्रधानमंत्री श्री राल्फ गोंज़ाल्विस, संयुक्त राष्ट्र संघ की उप-महासचिव सुश्री अमीना जेन मोहम्मद, यूएनसीसीडी के कार्यकारी सचिव श्री इब्राहीम थैव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री बाबू सुप्रियो और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रियो सम्मेलन के सभी तीन प्रमुख विषयों को समाधान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सभी तीन सम्मेलनों के लिए कॉप के जरिए भारत ने वैश्विक बैठकों की मेज़बानी की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आगे कदम बढ़ाते हुए भारत को जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण के मुद्दों को हल करने में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए पहलों का प्रस्ताव करने में खुशी होगी।’
  • अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘भारत अब से 2030 तक 21 मिलियन हेक्टेयर से 26 मिलियन हेक्टेयर तक की डीग्रेडेड भूमि को ठीक करने की महत्वाकांक्षा रखता है।’ इसके मद्देनजर अत्यंत डीग्रेडेड भूमि के 26 मिलियन हेक्टेयर रकबे की भूमि उत्पादकता तथा जैव प्रणाली को बहाल करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत डीग्रेडेड कृषि योग्य, वन और अन्य परती जमीनों को केन्द्र में रखा जाएगा।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि क्षरण नियंत्रण लक्ष्य निर्धारण कार्यक्रम के संबंध में यूएनसीसीडी के सदस्य देशों के क्षमता निर्माण तथा समर्थन के लिए एक वैश्विक तकनीकी समर्थन संस्थान बनाने के भारतीय प्रस्ताव की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह बताने में हर्ष हो रहा है कि भारत को सस्ती उपग्रह और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के जरिए भूमि उद्धार रणनीतियों के विकास के लिए अन्य मित्र देशों की सहायता करने में खुशी होगी।’

मरुस्‍थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र कन्वेंशन (UNCCD)

  • कन्वेंशन ( UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) 17 जून, 1994 को अंगीकार किया गया तथा 26 दिसंबर, 1996 को प्रभावी हुआ।
  • यह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्‍त राष्‍ट्र फ्रेमवर्क सम्‍मेलन (यूएनएफसीसीसी) और जैविकीय विविधता पर सम्‍मेलन (सीबीडी) के साथ तीन रियो सम्‍मेलनों में से एक है।
  • भारत ने यूएनसीसीडी पर 14 अक्‍टूबर, 1994 को हस्‍ताक्षर किए थे और 17 दिसंबर, 1996 को इसकी पुष्टि की थी।

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