- म्यांमार में रोहिंग्या संकट (Rohingya crisis) पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा गठित मार्जुकी दारुस्मैन (Marzuki Darusman) आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौप दिया है।
- यूएन आयोग के अनुसार म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या व बलात्कार ‘नरसंहार’ की नीयत से किया और इसके लिए म्यांमार सेना के कमांडर इन चीफ व पांच जनरल को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार गंभीरतम अपराध के लिए मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
- इनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से एक तदर्थ ट्रिब्यूनल गठित करने या फिर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय को इसे सौंपने की सिफारिश की है।
- रिपोर्ट में फेसबुक एवं म्यांमार की नेता आंग सान सू की को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
- आयोग ने म्यांमार पर हथियार प्रतिबंध लगाने तथा अपराध के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार लोगों पर व्यक्तिगत प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की है।
- ज्ञातव्य है कि एक वर्ष पूर्व अराकान रोहिंग्या सालवेशन आर्मी (एआरएसए-Arakan Rohingya Salvation Army: ARSA) द्वारा राखाइन प्रांत में 30 म्यामांर पुलिस पोस्ट तथा सैन्य अड्डा पर हमला के पश्चात जवाबी कार्रवाई में 7,00,000से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार छोड़कर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लिया।
- पैनल के अध्यक्ष मार्जुकी दारुस्मैन ने म्यांमार के रकमांडर इन चीफ मिन ऑन्ग हलैंग को जांच होने तक अपने पद से त्यागपत्र देने को कहा है।
- हालांकि म्यांमार सरकार ने सुरक्षा बलों पर लगाए गए अधिकांश आरोपों को खारिज कर दिया है। सरकार के तर्क दिया है कि उसने रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए ट्रांजिट केंद्र खोले हैं, परंतु आयोग ने इसे अभी भी असुरक्षित माना है।