- मास्को में रूस द्वारा आयोजित बहुपक्षीय अफगानिस्तान शांति वार्ता में भारत के दो आधिकारिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
- 9 नवंबर, 2018 को आयोजित वार्ता, जिसे ‘मास्को फॉर्मेट’ नाम दिया गया, ऐसी पहली सार्वजनिक वार्ता थी जिसमें तालिबान के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
- भारत के जिन दो प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, वे हैंः अमर सिन्हा व टीसीए राघवन। हालांकि भारत के विदेश मंत्रलय ने स्पष्ट किया कि यह वार्ता रूस द्वारा आयोजित की गई थी और इस वार्ता का यह मतलब नहीं है कि अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीति में किसी प्रकार का परिवर्तन हुआ है। भारत ने इस वार्ता में अनाधिकारिक रूप से शामिल हुआ।
- ज्ञातव्य है कि भारत ने 1996-2001 की तालिबान सरकार को मान्यता देने से मना कर दिया था और कुछ समय पूर्व तक तालिबान से किसी प्रकार की वार्ता का विरोध करती रही है।
- दूसरी ओर 30 वर्षों के पश्चात रूस ने अफगानिस्तान मुद्दे पर सक्रियता दिखायी है।
- इस वार्ता में भारत के अलावा, चीन, पाकिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
- इस वार्ता में अफगानिस्तान सरकार ने अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा। अमेरिका को इस वार्ता में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त था। साथ ही इस वार्ता में अफगानिस्तान के हाई पीस काउंसिल ने भी भाग लिया।