- 450 से अधिक भारतीयों को यूनाइटेड किंगडम में ‘विंडरश स्कीम’ (Windrush scheme) के तहत ब्रिटिश नागरिकता प्रदान की गई। ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जाविद ने इसकी घोषणा ब्रिटिश संसद में की।
- जिन 455 भारतीयों को ब्रिटिश नागरिकता प्रदान की गई उनमें से 367 भारतीय 1973 से पहले ब्रिटेन में प्रवेश किए थे जबकि शेष बाद में वहां प्रवेश किए थे।
कौन हैं विंडरश पीढ़ी
- ब्रिटिश सरकार के मुताबिक उन पीढि़यों को विंडरश पीढ़ी कहा गया जो 1973 से पहले ब्रिटेन में बस गए थे। 1971 के प्रवासी कानून के तहत राष्ट्रमंडल देशों के ऐसे नागरिकों को सुरक्षा प्रदान की गई जो पांच सालों से ब्रिटेन में रह रहे हों और यदि उन्होंने 1973 से पहले ब्रिटेन में आकर बसे हों।
- वर्ष 1948 से 1973 के बीच कैरिबियन देशों से आए लोगों को विंडरश पीढ़ी कहा गया।
- एमवी विंडरश नामक जहाज से 22 जून, 1948 को जमैका, त्रिनिदाद एवं टोबैगो से श्रमिक टिल्बरी डॉक, एसेक्स पर उतरे थे, इसलिए इन्हें सांकेतिक तौर पर ‘विंडरश पीढ़ी’ नाम दिया गया।
- बीबीसी के अनुसार ब्रिटेन में अभी 500,000 निवासी ऐसे हैं जिनका राष्ट्रमंडल देशों में जन्म हुआ और ये 1973 से पहले यूनाइटेड किंगडम में आकर बस गए जिनमें विंडरश लोग भी शामिल हैं।
- हालांकि वर्ष 1971 के इमिग्रेशन एक्ट लागू के पश्चात नियम में बदलाव किया गया। इस एक्ट के द्वारा तत्समय यूके में रह रहे लोगों को यूके में स्थायी रूप से रहने की अनुमति दे दी गई।
- ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने विंडरश पीढ़ी ( Windrush generation) के 18 सदस्यों से माफी मांगने की घोषणा की थी जिन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात कथित अवैध प्रवासी होने के कारण देश छोड़कर जाने को कहा गया था या उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
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