- मैसिडोनिया में देश का नाम बदलने पर 30 सितंबर, 2018 को जनमत सर्वेक्षण कराया गया। देश का नाम बदलकर ‘रिपब्लिक ऑफ़ नॉर्थ मैसिडोनिया’ रखने का प्रस्ताव रखा गया था।
- परंतु मैसिडोनिया की जनता ने जनमत सर्वेक्षण के प्रस्ताव को नकार दिया। इससे नाटो एवं यूरोपीय संघ में मैसिडोनिया के प्रवेश को झटका लगा है। जनमत सर्वेक्षण में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान होना जरूरी था परंतु केवल 35 प्रतिशत लोगों ने ही इसमें हिस्सा लिया। इस तरह जनमत सर्वेक्षण असफ़ल रहा।
- वर्ष 1991 में यूगोस्लाविया के विघटन के पश्चात मैसिडोनिया को स्वतं=ता प्राप्त हुयी। परंतु उसके नाम को लेकर यूनान विरोध करता रहा है।
- दरअसल मैसिडोनिया का पड़ोसी देश यूनान, उसके यूरोपीय संघ एवं नाटो में प्रवेश का इस आधाार पर आधाार पर विरोधा करता रहा है कि उसके द्धयूनानऋ एक प्रांत का नाम मैसिडोनिया है और पड़ोसी देश का नाम उसके प्रांत पर दावा करने जैसा दिखता है। इसी को देखते हुए दोनों देशों के मध्य जून 2018 में एक समझौता हुआ था।
- इसके पीछे भी इतिहास है। दोनों देश मौजूदा मैसिडोनिया व उत्तरी यूनान कभी मैसिडोनिया नामक प्राचीन रोमन प्रांत के हिस्सा थे। दोनों देश सिकंदर महान की विरासत पर दावा करते हैं।