- केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत स्वायत्त संस्था भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने 23 सितम्बर 2019 को सांकेतिक भाषा दिवस (International Sign Language Day) का आयोजन किया।
- इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत मुख्य अतिथि थे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री रतन लाल कटारिया सम्मानित अतिथि थे।
- इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि भारत सरकार समस्त दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने सांकेतिक भाषा के 6 हजार शब्दों का शब्दकोश निकालने के लिए आईएसएलआरटीसी की सराहना की और आशा व्यक्त की कि 2020 तक 4 हजार अन्य नए सांकेतिक शब्द इस शब्दकोश में जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषाओं का प्राचीन इतिहास है और आजकल इन्हें आधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है। इन सांकेतिक भाषाओं में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता लाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए उनके मंत्रालय द्वारा बहुत सी पहलों पर विचार किया जा रहा है।
- इस वर्ष का विषय (Theme) था – “सांकेतिक भाषा – सबका अधिकार”। सांकेतिक भाषा दिवस मनाने का उद्देश्य सांकेतिक भाषा के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देना तथा प्रत्येक व्यक्ति तक सांकेतिक भाषा की पहुंच उपलब्ध कराना है।
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस
- संयुक्त राष्ट्र ने 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Sign Language Day) घोषित किया है।
- इस दिवस को 19 दिसंबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र सभा ने औपचारिक स्वीकृति प्रदान की थी।
- 23 सितंबर, 1951 को विश्व मूक फेडरेशन (World Federation of the Deaf : WFD) की स्थापना हुयी थी। इसी उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसी दिन प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय साइन लैंग्वेज दिवस मनाया जाता है।