- इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने 24 दिसंबर, 2018 को ईरान के चाबहर बंदरगाह पर अपना पहला कार्यालय खोला है और वहां स्थित शाहिद बहिस्ती बंदरगाह का ऑपरेशन अपने हाथों में ले लिया है।
- भारत के लिए चाबहार बंदरगाह काफी महत्वपूर्ण है। इससे अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया से भारत का संपर्क स्थापित हो जाएगा जो कि पाकिस्तान से खराब संबंधों के चलते अभी संभव नहीं है।
- आधारिक संरचना एवं शैक्षिक परियोजनाओं में निवेश के माध्यम से भारत अफगानिस्तान की विकास प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है। इसके अलावा ईरान, जो कि तेल का बड़ा आपूर्तिकर्त्ता देश है, के साथ भी भारत के संबंध बेहतर होंगे।
- भारत, ईरान एवं अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह समझौता पर जून 2015 में हस्ताक्षर किए थे और इसे ईरान की गार्जियन परिषद् ने नवंबर 2016 में मंजूरी दी थी।