- भारत सरकार अमेरिका से एक अरब डॉलर में ‘नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम-2’ (National Advanced Surface-to-Air Missile System-II: NASAMS-II) खरीदने की प्रक्रिया में है। इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद् ने इस हेतु ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ को मंजूरी दे दी है।
- वैसे डीआरडीओ भी दिल्ली व मुंबई को सुरक्षित रखने के लिए पहले ही दो स्तरीय मिसाइल डिफेंस शील्ड विकसित करने के अंतिम चरण में है।
- दरअसल सरकार दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण स्थल व यहां के सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को 9/11 जैसे आतंकवादी हमले, मिसाइल हमले या ड्रोन हमलों से बचाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए पुरानी एयर डिफेंस सिस्टम की जगह ‘नई मिसाइल शिल्ड’ प्राप्त की जाएगी। वाशिंगटन व मास्को जैसे शहरों में इस तरह की शिल्ड तैनात की गई है।
- इस मिसाइल सिस्टम (NASAMS-II) की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
- यह 3डी सेंटिनेल रडार, लघु से मध्यम दूरी की मिसाइल, लॉन्चर, अग्नि वितरण केंद्र व सीसी यूनिट से युक्त है।
- वायु मार्ग से होने वाले विभिन्न खतरों को तुरंत पकड़कर उसका पीछा करती है और मार गिराती है।
- यह शील्ड वाशिंगटन सहित कई नाटो देशों में तैनात है।
- एक अन्य रक्षा खरीद के तहत भारत सरकार अमेरिका से 2 अरब डॉलर में 24 एमएच ‘रोमियो’ (24 MH Romeo) हेलीकॉप्टर भी खरीदने की प्रक्रिया में है किंतु इसे ‘2+2’ वार्ता तक रोकी गई है। दरअसल अमेरिका, रूस से रक्षा खरीद या ईरान से तेल खरीद करने वाले देशों पर ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रो सैंक्शन एक्ट’ (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act: CAATSA) के तहत दंडात्मक प्रतिबंध लगाता है। भारत इस प्रतिबंध से छूट चाहता है क्योंकि वह रूस से रक्षा संबंध बनाये रखना चाहता है तथा ईरान से तेल खरीदना भी जारी रखना चाहता है। भारत, 39,000 करोड़ रुपए में रूस से पांच एस-400 ट्रायम्फ (S-400 Triumf) एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए वार्ता कर रहा है।