भारत एवं रूस के बीच 5 अक्टूबर, 2018 को नई दिल्ली में संपन्न 19वीं वार्षिक बैठक में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर समझौता हुआ। यह समझौता रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हुआ।
एस-400 की विशेषताएं
- एस-400 लंबी दूरी की जमीन से हवा वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है।
- यह पूरे विश्व में सर्वाधिक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है।
- लंबी दूरी की निगरानी रडार दुश्मन की ओर से दागी गई मिसाइल पर नजर रखती है। जमीन से ही मिसाइल दागकर हवा में दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर देती है। यह एक साथ 80 निशाने भेद सकती है। यह मिसाइल प्रणाली चीन के पास भी है।
19वीं वार्षिक बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच परमाणु ऊर्जा, व्यापार, रेलवे एवं एमएसएमई क्षेत्र में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
- भारत और रूस का सहयोग भारत-यूएसएसआर के बीच सहयोग 1971 की शांति मित्रता और सहयोग संधि, भारत गणराज्य तथा रूसी संघ के बीच 1993 की मित्रता और सहयोग संधि तथा भारत गणराज्य और रूसी संघ के बीच 2000 की रणनीतिक साझेदारी घोषणा, साझेदारी को ऊंचा स्थान देते हुए विशेष सम्मानित रणनीतिक साझेदारी पर 2010 का संयुक्त वक्तव्य के ठोस स्तंभों पर आधारित है।
- भारत और रूस के बीच सहयोग अनेक क्षेत्रों में है और यह राजनीतिक और रणनीतिक सहयोग, सैन्य और सुरक्षा सहयोग, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, उद्योग, विज्ञान तथा टैक्नोलॉजी और सांस्कृतिक तथा मानवीय सहयोग पर आधारित है।
- भारत और रूस ने 21 मई, 2018 को सोची में हुई अनौपचारिक शिखर बैठक की समकालीन प्रासंगिकता और महत्व का शीर्ष मूल्यांकन किया। यह शिखर बैठक अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में अनूठी बैठक थी, इसमें प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच भरोसा और विश्वास दिखा और परस्पर हित के विषयों पर नियमित सम्पर्क बनाए रखने और निरंतर विचार-विमर्श की दोनों देशों की इच्छा व्यक्त की गई।
- दोनों पक्षों ने 2025 तक द्विपक्षीय निवेश बढ़ाकर 30 बिलियन डॉलर करने के लक्ष्य की समीक्षा की
- भारत के नीति आयोग और रूसी संघ के आर्थिक विकास मंत्रालय के बीच रणनीतिक आर्थिक संवाद की पहली बैठक रूस में 2018 के अंत में होगी।
- राष्ट्रीय रेल एवं यातायात संस्थान (वडोदरा) और रूसी यातायात विश्वविद्यालय (एमआईआईटी) के बीच सहयोग
- दोनों पक्षों ने ईरान होते हुए रूस जाने वाले भारतीय माल यातायात के मुद्दे पर मॉस्को में आयोजित होने वाले ‘यातायात सप्ताह-2018’ के उपलक्ष्य में भारत, रूसी संघ और ईरान के बीच प्रस्तावित तीन पक्षीय बैठक का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने बांग्लादेश के रूपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के क्रियान्वयन में त्रिपक्षीय सहयोग पर समझौता ज्ञापन में किए गए समझौते को पूरा करने में हुई प्रगति का उल्लेख किया।