बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के क्रम में भारत एवं बांग्लादेश के बीच 5 अक्टूबर, 2019 को सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। ये सात समझौते हैंः
- चट्टोग्राम एवं मोंगला बंदरगाह के उपयोग पर मानक संचालन प्रक्रिया
- त्रिपुरा के सबरूम शहर में जलापूर्ति स्कीम हेतु फेनी नदी 1-82 क्युसेक पानी निकालने की भारत को अनुमति पर एमओयू
- बांग्लोदश को लाईन ऑफ क्रेडिट पर समझौता
- हैदराबाद एवं ढ़ाका विश्वविद्यालयों के बीच समझौता
- सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम नवीकरण पर समझौता
- युवा मामलों में सहयोग पर समझौता
- बांग्लादेश को तटीय निगरानी प्रणाली प्रदान करने पर समझौता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आपसी संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विनिमय किया। बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच जल-संसाधन, युवा मामले, संस्कृति, शिक्षा और तटवर्ती इलाकों में निगरानी समेत सात क्षेत्रों में समझौतों के दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी किया गया।
तीन परियोजनाओं का उद्घाटन
दोनों नेताओं ने विडियो कांफ्रंसिंग के जरिये संयुक्त रूप से तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें से एक बंगलादेश से थोक में रसोईगैस के आयात की परियोजना भी शामिल है। अन्य परियोजनाओं ढाका में रामकृष्ण मिशन में विवेकानंद भवन की स्थापना, बंगलादेश-भारत पेशेवर कौशल विकास संस्थान तथा छोटे और मझौले उद्यमियों के लिए सुविधा केंद्र बनाने से संबंधित है।
अपने बयान में श्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने पिछले एक साल में कुल 12 परियोजनाएं शुरू की हैं जिनसे उनके आपसी संबंधों की मजबूती का पता चलता है। शेख हसीना ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समुद्री सुरक्षा, असैनिक परमाणु ऊर्जा और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में संबंध सुदृढ़ हुए हैं।
भारत और बंगलादेश ने घनिष्ठ समुदी साझेदारी की दशा में पहल का भी स्वागत किया है, और बंगलादेश में तटवर्ती निगरानी राडार प्रणाली स्थापित करने की दिशा में प्रगति की सराहना की है।
बंगलादेश की प्रधानमंत्री ने म्यामां के विस्थापितों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत की ओर से सितम्बर 2017 से मिल रही मानवीय सहायता के प्रति आभार व्यक्त किया है। दोनों नेता इस बात पर भी सहमत हुए कि विस्थापित लोगों को म्यामां के रखाइन प्रांत में उनको घरों को जल्द और सुरक्षित वापस भेजकर स्थाई रूप से उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए।
भारत और बंगलादेश ने यह भी महसूस किया है कि सड़क, रेल, हवाई और जल संपर्क के जरिये आपसी संपर्क में वृद्धि करके पारस्पारिक आर्थिक सहयोग आगे बढ़ाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत और बंगलादेश के बीच माल ढुलाई के लिए चटगांव और मंगला बंदरगाहों के संचालन की मानक प्रक्रिया को अंतिम रूप दिए जाने का भी स्वागत किया है।
उन्होंने मैत्री एक्सप्रैस को सप्ताह में चार की बजाय पांच दिन और बंधन एक्सप्रैस को सप्ताह में एक दिन की बजाय दो दिन चलाए जाने का भी स्वागत किया है। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि बंगलादेश में बातचीत के दौरान राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का भी मुद्दा उठाया। इस बारे में बताया गया कि इसकी प्रक्रिया जारी है और यह देखना होगा कि आगे क्या स्थितियां उभरकर सामने आती हैं।