- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा 14 सितंबर, 2018 को जारी मानव विकास सूचकांक 2018 में विश्व के 189 देशों में भारत की रैंकिंग 130वीं है। भारत का मानव विकास सूचकांक 0.640 है। वर्ष 2016 में यह स्कोर 0.636 था।
- विगत सूचकांक के मुकाबले इस वर्ष भारत की रैंकिंग में एक अंक का सुधार हुआ है।
- सूचकांक के अनुसार भारत की जीवन प्रत्याशा 68.8 वर्ष (1990 में 57.9 वर्ष) तथा स्कूल में बच्चों द्वारा व्यतीत किया गया माध्य समय 6.4 वर्ष (वर्ष 1990 में 3 वर्ष) है। भारत की जीएनआई प्रतिव्यक्ति 6353 डॉलर (2011 पीपीपी) है।
- सूचकांक में नॉर्वे को सर्वोच्च रैंकिंग प्राप्त हुयी है जबकि स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया व आयरलैंड क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे व पांचवें स्थान पर है।
- सूचकांक में 189वें यानी सबसे नीचली रैंकिंग नाइजर की है।
- यूएनडीपी के अनुसार मानव विकास सूचकांक के सर्वोच्च देश एवं 189वें स्थान वाले देशों में व्यापक अंतर है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई बच्चा नॉर्वे में जन्म लेता है तो उसके 82 वर्ष तक जीने की संभावना है और 18 वर्ष वह स्कूल में व्यतीत कर सकता है। वहीं नाइजर में जन्मा बच्चा 60 वर्ष तक जीवित रह सकता है और स्कूल में महज पांच वर्ष ही व्यतीत कर पाएगा।
- वर्ष 2018 की मानव विकास रिपोर्ट में मानव विकास सूचकांक के अलावा लैंगिक विकास सूचकांक, मल्टीडायमेंसनल पॉवर्टी इंडेक्स, असमानता समायोजित मानव विकास सूचकांक शामिल है।
- एशियाई देशों में सर्वोच्च रैंकिंग हांगकांग (चीन) को प्राप्त हुआ है। वह 7वें स्थान पर है जबकि सिंगापुर 9वें स्थान पर है।
- विभिन्न देशों की रैंकिंग इस प्रकार हैः
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- रैंक देश एचडीआर
- 1 नॉर्वे 0.953
- 2 स्विटजरलैंड 0.944
- 3 आस्ट्रेलिया 0.939
- 4 आयरलैंड 0.938
- 5. जर्मनी 0.936
- 76. श्रीलंका 0.770
- 86 चीन 0.752
- 130 भारत 0.640
- 136 बांग्लादेश 0.608
- 150. पाकिस्तान 0.562
- 189. नाइजर 0.354
- विभिन्न सूचकांक में भारत का प्रदर्शन इस प्रकार हैः
- एचडीआर रैंकिंगः 130
- एचडीआर मूल्यः 0.640
- जीवन प्रत्याशाः 68.8 वर्ष
- विद्यालय जाने का अनुमानित वर्षः 12.3 वर्ष
- प्रतिव्यक्ति आयः 6353 डॉलर (2011 पीपीपी)
- असमानता समायोजित एचडीआईः 0.468
- लैंगिक विकास सूचकांकः 0.841
- गरीबी (3-10 डॉलर दैनिक से कम पर काम करने वाले लोगों का प्रतिशत): 42.9 प्रतिशत
- इंटरनेट प्रयोगकर्त्ताः जनसंख्या का 29.5 प्रतिशत
- प्रति व्यक्ति कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जनः 1.7 टन