डेंगू की पहली टीका ‘डेंगवैक्सिया’ को यूएसएफडीए की सशर्त अनुमति

  • संयुक्त राज्य अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) ने डेंगू बीमारी की पहली टीका ‘डेंगवैक्सिया’ (Dengvaxia) को कुछ शर्तों के साथ उपयोग की मंजूरी दे दिया है। शर्तें इसलिए लागू की गईं है क्योंकि इस टीका के कारण कुछ लोगों में इस रोग के प्रति उच्च जोखिम देखा गया।
  • इस टीका को अनुमति देते हुए एजेंसी ने इस टीका के महत्वपूर्ण लाभों को स्वीकार किया जिससे विश्व भर में हजारों-लाखों लोग को गुजरना पड़ता है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में यह टीका पहली बार मैक्सिको में इस्तेमाल किया गया था परंतु उसके पश्चात से इस पर सवाल उठाए जाने लगे हैं जिससे इसका उत्पादन प्रभावित हुआ है। वर्ष 2017 में फिलीपींस ने स्कूल जाने वाले बच्चों में यह टीका लगवाने का आदेश परंतु कई बच्चों में डेंगू के गंभीर लक्षण दिखने लगे जिसके पश्चात वहां इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बाद में सनोफी ने भी स्वीकार किया कि दुर्लभ मामलों में, यदि कोई व्यक्ति डेंगू से कभी पीडि़त नहीं रहा है और उसका टीकाकरण के पश्चात उसमें डेंगू का गंभीर रूप दिखाई दिया।
  • यूएसएफीडीए ने 1 मई, 2019 को इस टीका को 9 से 16 वर्ष उम्र के ऐसे लोगों को लगाने की अनुमति दी है जो वैसे क्षेत्रें में रहते हैं जहां डेंगू स्थानिक है और लैब से पुष्टि हुयी है कि वह व्यक्ति पहले ही डेंगू से संक्रमित रहा है।
    उल्लेखनीय है कि विश्व की एक तिहाई आबादी ऐसे क्षेत्रें में रहती है जहां डेंगू वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है। पूरे विश्व में 400 मिलियन डेंगू वायरस का मामला सामने आता है।

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