- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कांगो में नवंबर 2018 में फैले इबोला संक्मण को इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा संक्रमण करार दिया।
- इतिहास का सबसे बड़ा संक्रमण कुछ वर्ष पहले पश्चिमी अफ्रीका में फैला था जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।
- कांगो के बेनी शहर व उसके आसपास इबोला के 426 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे यह वर्ष 2000 में यूगांडा में फैले संक्रमण से आगे निकल गया।
- इबोला महामारी से अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यह संख्या पश्चिमी अफ्रीका में 2013 से 2016 के बीच इबोला से हुई 11,310 मौतों से कम है जो कि सबसे घातक प्रकोप था।
- बेनी शहर संघर्ष क्षेत्र में स्थित है तथा विद्रोहियों के हमले के कारण यहां राहत व बचाव कार्य प्रभावित हुआ है।
इबोला के बारे में
- इबोला वायरस रोग, जिसे इबोला हैमरोजिक बुखार भी कहा जाता है, एक गंभीर व अक्सरहां घातक बीमारी है।
- यह जंगली जानवरों से मनुष्य में फैलता है और मानव बस्ती में एक-दूसरे से फैलता है।
- इबोला वायरस का पहला संक्रमण 1976 में दो जगह पर हुआः दक्षिण सूडान के न्जारा में तथा दूसरा संक्रमण कांगो के यामबुुकु में।
- बाद में यह मध्य अफ्रीकी देश कांगो की इबोला नदी के पास के एक गांव में इसका प्रकोप देखा गया। इस वायरस का नाम भी इसी नदी के नाम पर पड़ा। बाद में इस वायरस से सियरा लियोन व लाइबेरिया जैसे देश भी प्रभावित हुए।
- यह फाइलोविरिडे वायरस का एक रूप है। फाइलोविरिड के तीन रूप हैंः क्युवावायरस, मार्बुर्जवायरस व इबोला वायरस।
- इबोला वायरस की भी पांच प्रजातियां हैंः जायरे, बुंदिबुग्यो, सूडान, रेस्टोन व ताई फॉरेस्ट।