- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 17 जुलाई 2019 को नया जीवन प्रदान करने वाली औषधि और 3डी बायोप्रिंटिंग, नई प्रौद्योगिकियों, वैज्ञानिक विचारों/सूचनाओं और प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान तथा वैज्ञानिक अवसंरचना के संयुक्त इस्तेमाल के क्षेत्रों में भारत और अमरीका के बीच अंतर-संस्थागत समझौते को पूर्वव्यापी मंजूरी दी।
लाभ :
- इस समझौते के अंतर्गत संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सम्मेलन, सेमिनार आदि सभी योग्य वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए खुले रहेंगे और वैज्ञानिक योग्यता और उत्कृष्टता के आधार पर उन्हें सहयोग दिया जाएगा। नया जीवन प्रदान करने वाली औषधि और 3डी बायोप्रिटिंग के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में नई बौद्धिक संपदा, कार्यविधि, प्रोटोटाइप अथवा उत्पादों को उत्पन्न करने की संभावना है।
- दोनों संस्थानों का अनुमान है कि समझौते के अंतर्गत किये गये सामान्य शैक्षणिक आदान-प्रदान से कुछ विशेष परियोजनाओं का विस्तार होगा, जिनमें से प्रत्येक के शैक्षणिक, क्लीनिकल और व्यावसायिक प्रभाव हो सकते है।
प्रमुख विशेषताएं :
- समझौते का उद्देश्य शैक्षणिक सहयोग के जरिये दोनों संस्थानों के अनुसंधान और शिक्षा के विस्तार में योगदान करना है। साझा हित के सामान्य क्षेत्र जहां सहयोग और ज्ञान का आदान-प्रदान होता है, उनमें शामिल हैं :-
- प्रशिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान खासतौर से 3डी बायोप्रिटिंग के क्षेत्रों के लिए संकाय के सदस्यों और छात्रों का आदान-प्रदान।
- संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का निष्पादन; और
- सूचना और शैक्षणिक प्रकाशनों का आदान-प्रदान।
पृष्ठभूमि :
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आपसी लाभ के लिए भारत सरकार और अमरीका के बीच मजबूत और दीर्घकालिक सहयोग को सरकार द्वारा महत्व देने के समान, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान श्री चित्र तिरूनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टैक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी), तिरूवनंतपुरम और अमरीका स्थित उत्तरी कैरोलिना के इंस्टीट्यूट फॉर रिजनरेटिव मेडिसिन (डब्ल्यूएफआईआरएम) की ओर से वेक फोरेस्ट यूनिवर्सिटी हैल्थ साइंसेस के बीच शैक्षणिक सहयोग का एक समझौता हुआ।
- इस समझौते पर श्री चित्र तिरूनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टैक्नोलॉजी, तिरूवनंतपुरमकी ओर से वहां की निदेशक प्रोफेसर आशा किशोर और वेक फोरेस्ट यूनिवर्सिटी हैल्थ साइंसेस की ओर से मुख्य विज्ञान अधिकारी और अनुसंधान प्रशासन के वरिष्ठ एसोसिएट डीन श्री ग्रेगरी बुर्के और इंस्टीट्यूट फॉर रिजनरेटिव मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर एंथनी अटाला ने 13 दिसम्बर, 2018 को हस्ताक्षर किये।