- संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को सलाह दिया है कि वह रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का समझौता नहीं करे। अन्यथा उसे वैधानिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
- ज्ञातव्य है कि 2 अगस्त, 2017 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘प्रतिबंधों के द्वारा अमेरिका के प्रतिपक्षों को जवाब’ (Countering America’s Adversaries through Sanctions Act, or CAATSA) नामक कानून पर हस्ताक्षर किया था।
- इस कानून के तहत ईरान, रूस एवं उत्तर कोरिया के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार या आर्थिक कारोबार करने वाले देशों पर अमेरिका कई तरह के प्रतिबंधों का प्रस्ताव करता है।
- हालांकि इस एक्ट के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति को किसी देश विशेष को इस प्रतिबंध से छूट देने का अधिकार भी है। भारत भी आशा कर रहा है कि रूस के साथ एस-400 रक्षा समझौता में उसे प्रतिबंध से छूट मिल सकती है।
- उल्लेखनीय है कि भारत दो मोर्चों पर शत्रुओं (पाकिस्तान एवं चीन) से घिरा हुआ है ऐसे में रक्षा सुदृढ़ता उसकी प्र्राथमिकता है।
- स्वतंत्रता के बाद से भारत अपनी रक्षा खरीद के लिए विभिन्न स्रोतों पर निर्भर रहा है और दर्जन देशों से रक्षा आयात करता रहा है। रूस, भारत का महत्वपूर्ण रक्षा साझीदार देश रहा है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि रूस से वह अपना रक्षा संबंध तोड़ दे।