- पूर्वोत्तर भारत में हिंसा से जीवित बची महिलाओं की सहायता करने वाली बीणालक्ष्मी नेप्राम (Binalakshmi Nepram) को नोबेल विजेता स्वेतलाना एलेक्सिविच के साथ संयुक्त रूप से रिच ऑल वुमेन इन वार अन्ना पोलितकोवस्क्या (Reach All Women in WAR (RAW in WAR) Anna Politkovskaya Award) नामक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- लंदन स्थित ‘रॉ इन वार’ (RAW in WAR) नामक संगठन के मुताबिक यह पुरस्कार उन लोगों को प्रदान किया जाता है जो अपने क्षेत्र में भूला दिए गए सशस्त्र संघर्ष में अन्याय, हिंसा एवं उग्रवाद को धत्ता बताने व बोलने में साहस दिखाने के लिए दिया जाता है।
- उपर्युक्त दोनों महिलाओं ने अपने देश के क्षेत्र में जान का खतरे का सामना किया है।
- नेप्राम के मुताबिक उसे भारत छोड़ना पड़ा और फिलहाल अमेरिका में रह रही हैं। वर्ष 2004 में स्थापित ‘कंट्रोल आर्म्स फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की वह सह-संस्थापिका है जो कि निःशस्त्रीकरण के लिए काम करने के अलावा विसैन्यीकरण के लिए काम करने वाली सिविल सोसायटी है।
- वर्ष 2007 में नेप्राम ने ‘मणिपुर वुमेन गन सरवाईवर्स नेटवर्क’ (Manipur Women Gun Survivors Network) की स्थापना की तथा मणिपुर में दशकों के सशस्त्र व जातीय संघर्ष की शिकार 20,000 से अधिक महिलाओं की मदद की।
- बेलारूस की 70 वर्षीय स्वेतलाना एलेक्सिविच (Svetlana Alexievich) वर्ष 2015 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत महिलाओं के चरित्रंकन के साथ-साथ चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना एवं अफगानिस्तान में रूसी अभियान के प्रभावों को उद्घाटित किया है।
- यह पुरस्कार रूसी खोजी रिपोर्टर पोलित्कोवस्काया की 12वीं पुण्यतिथि के अवसर पर दिया गया। 7 अक्टूबर, 2006 को 48 वर्ष की आयु में उन्हें गोली मार दी गई थी। अपनी रिपोर्टिंग के दौरान सरकारी घोटाला एवं अधिकारों के दुरूपयोग (विशेषकर चेचेन्या में) को उजागर किया था।