संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की सहयोग से तैयार ग्लोबल पैनल ऑन एग्रीकल्चर एंड फूड सिस्टम फॉर न्यूट्रिशन की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष 1 ट्रिलियन का खाद्य उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही प्रतिवर्ष बर्बाद हो जाता है। उपर्युक्त रिपोर्ट चौकाने वाली इसलिए है कि प्रतिवर्ष एक अरब लोग भूखे रह जा रहे हैं और प्रत्येक पांच में से एक मौत का कारण खराब भोजन या पोषण की कमी है।
इस रिपोर्ट के अनुसारः
- मानव द्वारा उपभोग किए जाने वाला एक तिहाई खाद्य प्रतिवर्ष बर्बाद हो जाता है।
- सौंदर्य कारकों के कारण लोगों द्वारा अक्सरहां खाद्य को फेक दिया जाता है।
- परिवहन, भंडारण व रेफ्रिजरेशन के दौरान नष्ट होने वाले खाद्य बड़ी मात्र में बर्बाद हो जाते हैं।
- रिटेलर्स एवं उपभोक्ताओं द्वारा, खासकर अधिक आय वाले लोग बड़ी मात्र में भोजन खरीदते हैं और बर्बाद करते हैं।
- प्रतिवर्ष उत्पादित फल एवं सब्जियों का आधा से अधिक बर्बाद हो जाता है।
- 30 प्रतिशत उत्पादित अनाज, 25 प्रतिशत उत्पादित मांस, 35 प्रतिशत समुद्री खाद्य, 20 प्रतिशत वार्षिक डेयरी आपूर्ति कभी भी खाने के प्लेट तक नहीं पहुंच पाता, यानी वह बर्बाद हो जाता है।
रोकने के उपाय
- विश्व के कई देशों में खाद्य को बर्बाद होने से रोकने के लिए नियम बनाए गए हैं। इनमें कुछ प्रमुख नियम इस प्रकार हैंः
- फ्रांस में सुपरमार्केट को न बिके खाने योग्य खाद्य को अनिवार्य रूप से चैरिटेब्ल ट्रस्ट को दान करने होते हैं। उन्हें फेंके खाने को नष्ट करने की भी मनाही है।
- यूएसए में बिल इमर्सन गूड समेरितन फूड डोनेशन एक्ट के तहत रेस्त्रं व सुपरमार्केट को खाद्य दान में देने के लिए प्रेरित किया जाता हैै।