भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) के अनुसार तीन देशी बग जिनमें दो लेडीबर्ड बीटल शामिल हैं, भारतीय फल उत्पादकों के कैरिबियन दुश्मन ‘वूली व्हाइटफ्लाई’ (woolly whitefly) के खिलाफ हथियार सिद्ध हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने केरल में अमरूद के फल में वूली व्हाइटफ्लाई को आहार बनाते हुये इन बग को पाया।
ये दो देशी बग हैंः कॉकिनेलिडाई परिवार का लेडीबर्ड बीटल (Ladybird beetles) तथा न्यूरोप्टेरा परिवार का ग्रीन लेसविंग फ्लाई (green lacewing fly)।
वूली व्हाइटफ्लाई’
वूली व्हाइटफ्लाई’ ((Aleurothrixus floccosus) के बारे में पहला विवरण 1896 में जमैका में प्राप्त होता है, उसके पश्चात 1909 में अमेरिका के फ्लोरिडा में प्राप्त होता है।
भारत में यह परजीवी प्रतिवर्ष 30-35 प्रतिशत फलों को नुकसान पहुंचाता है।
यह हमलावर प्रजाति है और पॉलीफैगस है यानी विभिन्न प्रकार के आहारों पर जीवित है।
आईसीएआर की बंगलुरू स्थित संस्थान ने 2019 में कैरिबियन द्वीप से भारत में आने का उल्लेख किया था।
Source: The Hindu
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