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भारत सरकार के स्वामित्व वाले PSU इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने सशस्त्र बलों के महानिदेशालय से -30 डिग्री सेल्सियस में उपयोगी शीतकालीन डीजल (winter diesel) को मंजूरी देने की अनुमति मांगी है।
क्यों: अनुमति मिल जाने से भारत की सशस्त्र सेना जल्द ही लद्दाख जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेशन्स में विंटर डीजल का उपयोग कर सकती है, जहां सर्दियों में तापमान बहुत नीचे गिर जाता है। लद्दाख मेंसेना की आवाजाही बढ़ने के साथ, इस ईंधन की मांग पिछले सर्दियों की 350 टन से कई गुना बढ़ जाने की उम्मीद है।
शीतकालीन डीजल एक विशेष प्रकार का ईंधन है जो 2019 में IOCL द्वारा विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों और लद्दाख जैसे कम तापमान वाले क्षेत्रों के लिए प्रस्तुत किया गया था, जहां सामान्य डीजल काम नहीं करता.
कैसे: डीजल का एक प्रमुख घटक पैराफिन मोम (paraffin wax) है, जो ईंधन में चिपचिपाहट और चिकनाई में सुधार करता है। हालांकि, कम तापमान पर यह वाहनों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। विंटर डीजल में कम चिपचिपाहट बनाए रखने के लिए एडिटिव्स होते हैं और जो इसे -30 ° C तापमान में इस्तेमाल के लायक बनाता है और यह भी कि निम्न बहाव बिंदु के अलावा यह उच्च सीटेन रेटिंग युक्त तथा निम्न सल्फर कंटेंट वाला है। यह इंजन को जमने नहीं देता और बेहतर प्रदर्शन देता है ।
इंडियन आयल की पानीपत रिफाइनरी द्वारा पहली बार उत्पादित विंटर ग्रेड डीजल इस क्षेत्र में -33 डिग्री की अत्यधिक सर्दी में भी नहीं जमता, जबकि सामान्य ग्रेड के डीजल के इस्तेमाल में कठिनाई होती है।
कब: गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 17 नवंबर 2019 को लद्दाख क्षेत्र के लिए पहले विंटर ग्रेड डीजल बिक्री केन्द्र का शुभारंभ किया था, जिससे अत्यंत ठंड के मौसम में डीजल ईंधन के जम जाने के कारण लोगों की समस्याओं के समाधान में मदद मिल सके।