स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की 27 अप्रैल, 2020 को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल (2019) अमेरिका और चीन के पश्चात भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश था।
रिपोर्ट को ‘ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडेचर ’ शीर्षक के साथ जारी किया गया था।
यह पहली बार है जब भारत और चीन शीर्ष तीन सैन्य व्यय करने वाले देशों की सूची में शामिल हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और सऊदी अरब पिछले साल चौथे और पांचवें सबसे बड़े सैन्य व्यय करने वाले थे।
भारत का रक्षा खर्च 6.8% बढ़कर 71.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और चीन, दोनों के साथ भारत के तनाव और प्रतिद्वंद्विता इसके बढ़ते सैन्य खर्च के लिए प्रमुख चालकों में से हैं।
30 साल की अवधि (1990-2019) में भारत का सैन्य खर्च 259% बढ़ा और 2010-19 दशक में 37% बढ़ा। भारत का सैन्य व्यय 2010 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.7% से गिरकर 2019 में 2.4% हो गया।
वर्ष 2019 में वैश्विक सैन्य व्यय लगभग 1,917 अरब डॉलर रहा जो 30 वर्षों में सबसे अधिक है। यह 2018 में वैश्विक रक्षा व्यय में 3.6% की वृद्धि और 2010 के बाद सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि दर्शाती है।