राज्यसभा में 20 मार्च 2020 को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रसायन और उवर्रक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि देश में दवाइयां बनाने के लिए जरुरी एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (Active Pharmaceutical Ingredients (API) का पर्याप्त भण्डार है।
फॉर्मास्युटिकल विभाग ने नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए देश में औषध सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों की समिति गठित की है। केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के संयुक्त औषध नियंत्रक इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति का मानना है कि देश में दवाएं बनाने के लिए आवश्यक चीजों का दो से तीन महीने का भण्डार मौजूद है।
क्या है एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स?
किसी दवा के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण घटकों में से एक है एपीआई। सामान्यतः किसी दवा (टेबलेट या सिरप) के दो घटक होते हैंः प्राथमिक तत्व या सामग्री जिसे एपीआई (API) कहा जाता है तथा उसे विभिन्न रूप देने वाला एक्ससिपिएंट्स ( excipients)।
उदाहरण के लिए क्रॉसिन दवा में पैरासिटामोल मुख्य उपचारात्मक घटक यानी एपीआई है। यदि एपीआई ठोस है और उसे लिक्विड खुराक में बदलना है तो एक्ससिपिएंट्स लिक्विड होगा।
वर्ष 2017 में भारत ने दवा निर्माण के लिए लगभग 66-69 प्रतिशत एपीआई चीन से आयात किया था।
References
- Science Daily (Understanding active pharmaceutical ingredients),
- Verywellhealth-What Is an Active Pharmaceutical Ingredient (API)
- Newsonair-Govt says sufficient stock of Active Pharmaceutical Ingredient is available in country for manufacturing of medicines.
- Businessline-India’s increased dependence on Chinese APIs causing concern.