जी-7 शिखर वार्ता के ‘आऊटरीच सेशंस’ के दूसरे दिन (13th June), प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो सत्रों में हिस्सा लिया। ये दोनों सत्र ‘बिल्डिंग बैक टूगैदर–ओपन सोसइटीज एंड इकोनॉमिक्स’ (संयुक्त पुनर्निर्माण – मुक्त समाज और अर्थव्यवस्थायें) और ‘बिल्डिंग बैक ग्रीनरः क्लाईमेट एंड नेचर’ (संयुक्त हरित पुनर्निर्माणः जलवायु परिवर्तन और प्रकृति) थे।
- यूके, जो 2021 के लिए G7 का अध्यक्ष है, ने 12-13 जून को कॉर्नवाल के कार्बिस बे होटल में वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया था।
- इस वर्ष, भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि के रूप में G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। समूह के सदस्य देश जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के लिए सहमत हुए हैं और गरीब देशों को उत्सर्जन में कटौती करने में मदद करने के लिए प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर जुटाने का संकल्प लिया है।
G7 के बारे में
- G7 सात देशों का एक अनौपचारिक समूह है। ये हैं ; संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम।
- इसके अलावा यूरोपीय संघ और अन्य आमंत्रित देश वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेते हैं।
- सदस्य देश मिलकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 40% और दुनिया की 10% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- नाटो जैसे अन्य निकायों के विपरीत, G7 का कोई कानूनी अस्तित्व, स्थायी सचिवालय या आधिकारिक सदस्य नहीं है।
- इसका नीति पर कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है और G7 बैठकों में लिए गए सभी निर्णयों और प्रतिबद्धताओं को सदस्य देशों के शासी निकायों द्वारा स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने की आवश्यकता होती है।
- रूस 1998 में इस समूह में शामिल हुआ था और फिर G8 का निर्माण किया, लेकिन 2014 में क्रीमिया के अधिग्रहण के पश्चात इसे समूह से बाहर रखा गया है।