- करेंट बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक वर्तमान में पृथ्वी पर बाघ की छह प्रजातियां हैं जो कि वैज्ञानिकों के लिए प्रसन्नता की बात है। परंतु दुखद तथ्य यह है कि इन सभी प्रजातियों को मिलाकर बाघों की कुल संख्या महज 4000 (फ्री रेंज) है।
- शोध के मुताबिक बाघ की छह प्रजातियां निम्नलिखित हैंः
- बंगाल टाइगरः यह मुख्यतः भारत में पाई जाती है। इसकी कुल संख्या लगभग 2500 है जो बाघ प्रजातियों में सर्वाधिक है।
- अमूर बाघः यह चीन एवं रूस के सुदूर पूर्व में पाई जाती हैं। इनकी संख्या महज कुछ सैकड़ा है।
- साउथ चायना बाघः विगत 25 वर्षों से इसे नहीं देखा गया है। संभवतः विलुप्त हो गई हो।
- सुमात्रा बाघः यह इंडोनेशिया के सुमात्र द्वीप पर पाई जाती है और इसकी संख्या लगभग 400 ही है।
- इंडोचाइनीज बाघः दक्षिण पूर्व एशिया में इस बाघ की महज कुछ संख्या रह गई है। यह मुख्यतः म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर पाई जाती है।
- मलाया बाघः पहले इसे इंडोचाइनजी नस्ल का माना जाता था परंतु नए अध्ययन में इसे एक अलग बाघ प्रजाति का दर्जा दिया गया है। यह केवल दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है।
- नए शोध के मुताबिक बाघ की सभी प्रजातियां जगुआर के विपरीत विशिष्ट हैं। अर्थात विकासक्रम के दृष्टिकोण से रूस के बाघ भारत के बाघों से बिल्कुल भिन्न हैं। एशियाई बाघ शिकार के लिए सूंघने के स्थान पर देखने व सुनने का इस्तेमाल करते हैं।
- बाघों की घटती संख्या के लिए पर्यावास नष्ट होना, शिकार, जलवायु का प्रभाव, प्रजनन में कमी प्रमुख कारण हैं।
Photo: रॉयल बंगाल टाइगर (फोटो साभार: नेशनल ज्योग्राफिक)