- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को देश के सभी हाथी गलियारा को (elephant corridors) इको सेंसिटिव जोन घोषित करने हेतु विचार करने को कहा है।
- असम में हाथी अभ्यारण्य एवं गलियारों को विधिक मान्यता हेतु दायर याचिका पर एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने उपर्युक्त निर्णय सुनाया।
- भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के अनुसार इसके बावजूद कि भारतीय संस्कृति में हाथी को अति महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान किया गया है, उसे राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित कर गहन विधिक सुरक्षा प्राप्त है, एशियाई हाथी (Elephas maximus) आज कई समस्याओं से ग्रस्त है। आबादी बढ़ने के साथ कृषि भूमि का विस्तार भी हुआ है, साथ ही रेलवे, बांध व खनन जैसी गतिविधियों का भी विस्तार हुआ है। इसके परिणामस्वरूप देश का वन आवरण भी प्रभावित हुआ है।
- हाथी का ‘गृह क्षेत्र’ (home range) 250 वर्ग किलोमीटर (राजाजी नेशनल पार्क) से लेकर 3500 वर्ग किलोमीटर (पश्चिम बंगाल) तक विस्तृत है परंतु वन क्षेत्र छोटे होते जाने से इन्हें जल व भोजन की तलाश में मानव बस्ती की ओर रूख करना पड़ता है जिससे मानव-जानवर संघर्ष की स्थिति पैदा होती है।
- भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के अनुसार भारत में 29 हाथी रिजर्व हैं जो 14 राज्यों के 10 लैंडस्कैप में विस्तृत है।
- हाथी गलियारा: हाथी गलियारा भूमि की वह संकरी पट्टी होती है जो दो बड़े हाथी पर्यावासों को जोड़ती है। भारत में 101 हाथी गलियारा हैं। सर्वाधिक 14 गलियारा पश्चिम बंगाल में, इसके पश्चात 13 तमिलनाडु में और 11 उत्तराखंड में है। हाथी गलियारा भूमि की वह संकरी पट्टी होती है जो दो बड़े हाथी पर्यावासों को जोड़ती है। भारत में 101 हाथी गलियारा हैं। सर्वाधिक 14 गलियारा पश्चिम बंगाल में, इसके पश्चात 13 तमिलनाडु में और 11 उत्तराखंड में है। हाथी गलियारा के संरक्षण के लिए गज यात्र भी आरंभ किए गए ।