भारत का एकमात्र ओरंगुटान का नंदनकानन में निधन

  • भारत का एकमात्र ओरंगुटान ‘बिनी’ का 29 मई, 2019 को ओडिशा के नंदनकानन जैविक उद्यान में निधन हो गया।
  • 41 वर्षीय ‘बिनी’ बढ़ती उम्र संबंधी समस्याओं से ग्रसित थी।
  • यह विशाल एप्स की जीवित प्रजाति थी।
  • इस एकमात्र मादा ओरंगुटान को वर्ष 2003 में पुणे से नंदनकानन में लाया गया था।

ओरंगुटान के बारे में

  • मलय भाषा में ओरंगुटन का अर्थ होता है ‘जंगल का आदमी’।
  • ओरंगुटान, विशाल एप्स की तीन जीवित प्रजातियों (extant species of great apes) में से एक है और यह इंडोनेशिया एवं मलेशिया की नेटिव स्पेशीज है।
  • ओरंगुटान की तीन प्रजातियां हैं; सुमात्राई, बोर्नियाई व तापानुली।
  • ओरंगुटान की सबसे नई प्रजाति पोंगो तापानुलिएनसिस (तापानुली ओरंगुटान) की नवंबर 2017 में इंडोनेशिया के तापानुली पर्वतीय क्षेत्र में खोज की गई थी।
  • वर्तमान में यह बोर्नियो एवं सुमात्रा के वर्षा वनों में पाई जाती है।
  • ओरंगुटान काफी कुशाग्रबुद्धि के होते हैं और जंगलों में इनकी उम्र 45 वर्ष होती है।
    पेड़ पर चढ़ने वाली यह विश्व की सबसे बड़ी स्तनधारी प्रजाति है।

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