- पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 11 फरवरी, 2019 को नॉर्वे के विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर भारत – नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल (India-Norway Marine Pollution Initiative ) स्थापित करने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
- जनवरी 2019 में भारत और नॉर्वे की सरकारों ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके महासागरों के बारे में अधिक घनिष्ठता के साथ कार्य करने की सहमति व्यक्त की।
- जनवरी 2019 में नॉर्वे के प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत – नॉर्वे महासागर संवाद की स्थापना की गई।
- ब्लयू अर्थव्यवस्था के बारे में सरकारी अधिकारियों अनुसंधानकर्ताओं और विशेषज्ञों के अलावा निजी क्षेत्र को शामिल करके एक संयुक्त कार्यबल की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य समुद्रीय और समुद्र क्षेत्र के अलावा ऊर्जा क्षेत्र में ब्लयू अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों में स्थायी समाधान विकसित करना है।
- इस भागीदारी में भारत और नॉर्वे अपने अनुभव और क्षमता साझा करेंगे। इसके अलावा स्वच्छ और स्वस्थ महासागरों के विकास, समुद्रीय संसाधनों का सतत उपयोग और ब्ल्यू अर्थव्यवस्था के विकास के प्रयासों में सहयोग करेंगे। दोनों सरकारों ने नये नेतृत्व के तहत पहली संयुक्त पहल की शुरूआत की है। भारत – नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल समुद्री प्रदूषण की समस्या से निपटेगी। यह समस्या तेजी से बढ़ती हुई पर्यावरणीय चिंता बन गयी है।
- इस पहल को लागू करने वाले भागीदारों की श्रृंखला के माध्यम से यह पहल स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रियाओं को लागू करने, समुद्री प्रदूषण के स्रोतों और संभावनाओं के बारे में जानकारी को एकत्र करने और विश्लेषण करने के लिए प्रणाली विकसित करने तथा निजी क्षेत्र निवेश में सुधार लाने में स्थानीय सरकारों को सहायता देने की मांग करेगी। इससे समुद्र तट की सफाई के प्रयासों, जागरूकता बढ़ाने वाले अभियानों, सीमेंट उद्योग में कोयले की जगह प्लास्टिक अपशिष्ट को ईंधन के विकल्प के रूप में उपयोग करने और जमा योजनाओं के लिए ढांचा विकसित करने में भी मदद मिलेगी।