हाल में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने बांस का जीवाष्म खोज है जो 25 मिलियन वर्ष पुरानी है जो यह सिद्ध करता है कि भारत, एशियाई बांस की जननी है।
बम्बुसिकल्मस तिरापेंसिस
रिव्यू ऑफ पैलियोबॉटनी एंड पैलिनोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार शोधकर्त्ताओं को असम के माकुम कोलफील्ड के पास बांस के डंठल प्राप्त हुए हैं जो बांस की नई प्रजातियां हैं। इन दो प्रजातियों को बम्बुसिकल्मस तिरापेंसिस ( Bambusiculmus tirapensis) एवं बम्बुसिकल्मस माकुमेंसिस ( B. makumensis ) नाम दिया गया है। जिस क्षेत्र में खोज की गई है, उसी के आधार पर इसका नामकरण किया गया है।
ये प्रजातियां 25 मिलियन वर्ष पूर्व उत्तर ओलिगोसीन अवधि की हैं।
बम्बुसियम डियोमारेंसे
शोधकर्त्ताओं को अरुणाचल प्रदेश में बांस के दो और जीवाष्म प्राप्त हुए हैं। ये हैंः बम्बुसियम डियोमारेंसे व बम्बुसियम अरुणाचलेंसे। ये प्रजातियां 11 मिलियन से 3 मिलयन वर्ष पुरानी हैं। मतलब ये उत्तर मियोसीन से प्लियोसीन युग की हैं।
वैसे यूरोपीय बांस जीवाष्म 50 मिलियन वर्ष पुरानी है।