जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने देश के उत्तर-पूर्वी और उत्तरी हिस्सों से मीठे पानी की दो मछली प्रजातियों -ग्लाइपटोथोरैक्स गोपी और गर्रा सिंबलबारेंसिस की खोज की है। दोनों मछलियां पहाड़ी जलधारा से सम्बंधित हैं और तीव्र जल प्रवाह के अनुरूप ढली हुई हैं। उपर्युक्त दोनों प्रजातियों की खोज विवरण ज़ूटाक्सा में प्रकाशित किया गया था।
ग्लाइपटोथोरैक्स गोपी (Glyptothorax gopii)
कैटफ़िश की एक नई प्रजाति ग्लाइपोथोरैक्स गोपी, मिज़ोरम की कलादान नदी में भारत-म्यांमार सीमा के पास चंपई जिले में प्राप्त हुई है ।
63 मिमी मानक लंबाई वाली इस प्रजाति की पृष्ठीय सतह गहरे भूरे रंग के होते हैं, और इसका उदर पीले-हल्के भूरे रंग का होता है।
इसका नामकरण वर्गीकरण वैज्ञानिक के.सी. गोपी के योगदान को सम्मानित करने के लिए किया गया है। ।
गर्रा सिंबलबारेंसिस (Garra simbalbaraensis)
हिमाचल प्रदेश सिरमौर जिले में सिम्बलबारा नदी में गर्रा सिम्बालारेंसिस पाई गई।
69 मिमी की मानक लंबाई वाली इस प्रजाति का रंग पीला भूरा है ।
इसका नामकरण सिम्बलबारा नदी के नाम पर हुआ है ।