- जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 30 अगस्त, 2018 को राष्ट्रीय आरईडीडी+ रणनीति (National REDD+ Strategy India) जारी किया।
- आरईडीडी+ से जुड़ी गतिविधियां स्थानीय समुदायों की आजीविका को बनाए रखने में मदद करती हैं और इससे जैव विविधिता का संरक्षण भी होता है।
- भारत की राष्ट्रीय आरईडीडी+ रणनीति पेरिस समझौते के लिए भारत की प्रतिबद्धता को हासिल करने का एक माध्यम भी है।
- आरईडीडी+ रणनीति देश की एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद करेगा और जंगल पर आश्रित लोगों की आजीविका में भी योगदान करेगा।
- देश में आरईडीडी+ को लागू करने में मदद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर केन्दीय पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में आरईडीडी+ के राष्ट्रीय प्रबंधन परिषद और भारतीय वन संरक्षण के महानिदेशक एवं भारतीय वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) के महानिदेशक की अध्यक्षता में दो तकनीकी समितियां गठित की जा रही है।
- राज्य स्तर पर आरईडीडी+ से जुड़े काम-काज प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) की अध्यक्षता वाली समिति और राज्यों के वन बल के प्रमुख (एचओएफएफ) द्वारा नियोजित किए जाएंगे।
- साधारण शब्दों में आरईडीडी+ का मतलब ‘वन कटाई एवं वन ह्रास से उत्सर्जन में कमी’ (Reducing Emissions from Deforestation and forest Degradation-REDD+), वन कार्बन स्टॉक का संरक्षण, जंगलों का सतत प्रबंधन और विकासशील देशों में वन कार्बन के स्टॉक में वृद्धि है।
- आरईडीडी+ रणनीति का उद्देश्य वन संरक्षण के काम को तेज करते हुए जलवायु परिवर्तन में कमी को हासिल करना है।
- आरईडीडी+ रणनीति से वन कटाई एवं वन ह्रास के वाहकों को नियंत्रित करने, वन कार्बन स्टॉक बढ़ाने के लिए रोडमैप विकसित करने और आरईडीडी+ कार्यों के जरिए वनों के प्रबंधन को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- जलवायु परिर्वन पर पेरिस समझौते में जलवायु परिर्वन में कमी लाने में वनों की भूमिका की पहचान की गई और आरईडीडी+ को लागू करने तथा इसके समर्थन के लिए विभिन्न देशों को आगे बढ़ने के लिए कहा गया।
- भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) में कहा है कि 2030 तक अतिरिक्त वन क्षेत्र एवं वृक्षारोपण को बढ़ाया जाएगा जिससे 2.5 से 3 अरब टन कार्बन डाईआक्साइड गैस को रोका जा सकेगा।
- भारत यूएनएफसीसीसी को अपनी पहली द्विवार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि भारत के जंगल देश के कुल जीएचजी उत्सर्जन के 12 फीसदी हिस्से को समाहित कर लेता है। इस तरह भारत के वन क्षेत्र जलवायु परिवर्तन में कमी के लिए सकरात्मक किफायती योगदान कर रहा है।
- आरईडीडी+ पर यूएनएफसीसीसी के फैसलों के अनुरूप भारत ने राष्ट्रीय आरईडीडी+ रणनीति तैयार की है। मौजूदा राष्ट्रीय हालात में तैयार रणनीति में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना, हरित भारत मिशन और यूएनएफसीसीसी के प्रति भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अनुरूप सुधार किया गया है।
- आरईडीडी संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम है जिसे वर्ष 2008 में आरंभ किया गया था। यूएन-आरईडीडी कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर के आरईडीडी प्लस कार्यक्रम को सहायता प्रदान करता है।