- केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारादिल्ली में दस दिवसीय ‘स्वच्छ हवा अभियान’ का शुभारंभ किया जो 01 नवम्बर से 10 नवम्बर, 2018 तक जारी रहेगा।
- प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर करीबी नजर रखने एवं इस बारे में जानकारी देने के साथ-साथ त्वरित कदम सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री और दिल्ली सरकार के मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से 52 टीमों को रवाना किया गया।
- ये टीमें दिल्ली और इसके समीपवर्ती शहरों यथा फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगी। इसमें स्थानीय सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) टीम लीडर होंगे। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के प्रतिनिधिगण भी इन टीमों में होंगे।
- जहां एक ओर दिल्ली के लिए 44 टीमें हैं, वहीं एनसीआर क्षेत्र के शहरों यथा गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के लिए 2-2 टीमें हैं।
- इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने प्रदूषण में कमी करने के प्रयासों में तेजी लाते हुए मानव रचना इंटरनेशनल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक पायलट परियोजना ‘पर्यायंत्र’ का भी शुभारंभ किया । इस यंत्र को शहरों में चलने वाली बसों की छतों पर लगाया जाएगा जिसमें एक फिल्टर लगा होगा।
- फिल्टर में प्रवेश करने वाली हवा बस के चलने पर सूक्ष्म कणों से मुक्त होकर शुद्ध हो जाती है। इस यंत्र को मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के वैज्ञानिकों के एक समूह ने पेश किया है। इस पायलट परियोजना के तहत 30 बसों की छतों पर ये उपकरण लगाये गये हैं।
- डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि वैसे तो पिछले वर्ष की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटना में 30 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों द्वारा समग्र रूप से उठाये गये कदम संतोषजनक नहीं हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अब भी अकेले पंजाब में प्रतिदिन पराली जलाने के हजारों मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से पराली जलाने पर अंकुश के लिए आक्रामक रूप से कारगर कदम उठाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली और एनसीआर राज्यों की सरकारों को घरेलू एवं औद्योगिक कचरों को खुले में जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्देश दिया।